आज चाचा जी साबू को इतिहास के सबसे बूढ़े वैद्य चक्रमाचार्य से मिलवाने ले गए हैं जिनकी उम्र साढ़े तीन सौ साल से भी ज्यादा है।

पहुंचने पर वे देखते हैं कि चक्रमाचार्य जी ने हिमालय के जंगलों की जड़ी-बूटी से एक ऐसा अर्क बनाया है जिसे पीने से कोई भी अमर हो जाता है। 

 इसके बाद वो अर्क की शीशी पर ‘जहर’ का लेबल लगा देते हैं

ताकि वो किसी गलत हाथ में ना आ जाये। दूसरी तरफ ख़बरी मुखबिर पुलिस स्टेशन पहुंचता है और बताता है

 कि उसने डाकू राका को मुन्नीबाई के कोठे पर देखा है। 

 पुलिस राका को पकड़ने के लिए निकल पड़ती है 

 मगर राका पुलिस को चकमा देकर वैद्य चक्रमाचार्य की वैद्यशाला में पहुँच जाता है। तभी अचानक पुलिस भी वहाँ आ जाती है।

 राका अपने आप को जिंदा पकड़े जाने से बचाने के लिए 

‘जहर’ के लेबल वाली शीशी पी लेता है।

 पुलिस राका पर गोलियाँ चलाती है मगर राका को कुछ नहीं होता 

 और वो वहाँ से निकल जाता है।

 क्या अब चाचा चौधरी और साबू राका को रोक पाएंगे? जानने के लिए पढें

अब तक कि सबसे रोमांचक और एक्शन वाली single story कॉमिक ‘चाचा चौधरी और राका‘….