जादुई घड़ा: Magic Pot Story In Hindi

Magic Pot Story In Hindi उसके पास थोड़ी-सी जगह थी जिस पर उसने गेहूं तथा चावल की खेती कर रखी थी। मदन बड़ा परिश्रमी था सुबह-सुबह जल्दी उठकर खेत पर जाता और  जुताई करता किन्तु जमीन थोड़ी होने के कारण फसल भी थोड़ी-सी होती जिसे बेचकर वह बड़ी मुश्किल से अपना गुजारा करता (Magic Pot)।

एक दिन मदन अपना खेत जोत रहा था तभी उसका पड़ोसी वहां से गुजरा और बोला मदन भाई! तुम इतनी मेहनत करते हो एक जोड़ी बैल खरीद लो तो तुम्हारा काम आसान हो जाये। मदन बोला – भाई मैं बड़ी मुश्किल से दो वक्त के भोजन के लिए पैसे जुटा पाता हूं, बैल कहां से खरीदूं। ऐसा कहकर वह फिर से अपने काम में जुट गया और उसका पड़ोसी वहां से चला गया।

जादुई घड़ा: Magic Pot Story In Hindi

अभी वह खेत जोत ही रहा था कि उसका हल किसी धातु की वस्तु से टकराया। मदन ने उस स्थान को गहरा खोदना शुरु किया तो देखा कि वहां एक पीतल का खाली घड़ा दबा हुआ है। वह भगवान से बोला-हे भगवान! क्यों गरीब का मजाक उड़ाते हो ? एक तो पीतल का घड़ा दिया और वह भी खाली। देना ही था तो कम-से-कम सोने के सिक्कों से भरा घड़ा ही दे देते या सिर्फ सोने का घड़ा ही दे देते।

अब मदन थक चुका था और उसे भूख भी लग रही थी। उसने पास ही बाग से आम के पेड़ से आम तोड़े और खाने लगा। आम बहुत स्वादिष्ट थे उसने पेट भरकर आम खाये और थोड़े से अपनी पत्नी के लिये उसी पीतल के घड़े में घर ले जाने के लिए रख लिये। अब उसी पेड़ के नीचे बैठकर आराम करने लगा।

जादुई घड़ा: Magic Pot Story In Hindi

थकान होने के कारण जल्दी ही उसे नींद आ गयी। कुछ देर बाद जब जागा तो क्या देखा कि वह घड़ा जिसमें मदन ने थोड़े से आम रखे थे वह पूरा आमों से भर गया था। मदन को बड़ा आश्चर्य हुआ उसने सारे आम घड़े में से बाहर निकाले फिर दो-चार आम उस घड़े में डाले पर यह क्या, घड़ा फिर से आमों से भर गया।

अब मदन समझ गया कि यह कोई जादुई घड़ा (Magic Pot) है। उसने भगवान को धन्यवाद दिया और घड़ा उठाकर घर की ओर चल दिया। घर जाकर पत्नी को आवाज दी तो पत्नी बोली-इतनी देर से आये हो घर में खाने को कुछ भी नहीं है आज तो भूखा ही सोना पड़ेगा। मदन ने पूछा कि क्या घर में कुछ भी खाने को नहीं है तो उसकी पत्नी बोली सिर्फ एक आलू पड़ा है।

मदन बोला वही लेकर आओ और फिर देखो इस जादुई घड़े का कमाल। पत्नी को कुछ समझ ना आया वह एक आलू लेकर आ गयी। अब मदन ने वह आलू घड़े में डाला और देखते ही देखते घड़ा खूब सारे आलुओं से भर गया। अब पति-पत्नी दोनों खुश हो गये कि अब उनकी गरीबी के दिन दूर हो जायेंगे।

जादुई घड़ा: Magic Pot Story In Hindi

अगले दिन मदन ने थोड़े से आलू बचा लिये और बाकी बाजार में बेचने चला गया। अपने गांव के ही सब्जी वाले को उसने आलू बेच दिये और उसे अच्छा खासा धन मिल गया था। मदन इतने दिनों के बाद इतने सारे पैसे देख कर बड़ा प्रसन्न हुआ। उसने सोचा बहुत दिनों से गरीबी के कारण अपनी पत्नी के लिए एक साड़ी नहीं खरीदी क्यों ना एक साड़ी खरीद लूं। ऐसा सोचकर वह साड़ियों की दुकान पहुंचा तथा एक साड़ी खरीद ली।

घर लाकर पत्नी को दी तो पत्नी ने वह साड़ी उस घड़े में रख दी और देखते ही देखते खूब सारी साड़ी निकल आईं। अब उसने एक अपने लिये रख ली और बाकी को मदन से बेचने के लिए कहा। मदन उसी दुकान पर जाकर बाकी साड़ी बेच आया। अब दुकानदार को बड़ा आश्चर्य हुआ कि मदन ने कल एक साड़ी खरीदी और आज 98 साड़ियां बेच दीं। आखिर माजरा क्या है देखना चाहिये।

जादुई घड़ा: Magic Pot Story In Hindi

वह फल विक्रेता जिसको मदन ने आलू बेचे थे और वह साड़ी वाला दोनों ने चुपके से उसके घर के बाहर पहुंचे तथा मदन और उसकी पत्नी की सारी बातें सुन लीं। अब उन्हें समझ आ गया कि क्या माजरा है। अब दोनों ने जाकर मुखिया जी से सारी कहानी बता दी। मुखिया जी ने आदेश दिया कि मदन को उसके घड़े (Magic Pot) के साथ यहां लाया जाये।

अब मदन जादुई घड़े के साथ उनके सामने था। मुखिया जी ने वह घड़ा अपने हाथ में लिया और अपना सिर घड़े मे डालकर देखने लगे कि आखिर इस घड़े में है क्या ? फिर क्या था जैसे ही उन्होंने अपना सिर उसमें डाला वहां तो कई सारे मुखिया प्रकट हो गये। सब आपस में झगड़ने लगे कि मैं मुखिया हूं, मैं मुखिया हूं इस बीच मदन ने उनके हाथ से वह घड़ा लिया और लेकर भागा।

जादुई घड़ा: Magic Pot Story In Hindi

घर पहुंचकर उसने उस (Magic Pot) घड़े को लोहे के डण्डे से तोड़ डाला उसकी पत्नी बोली अरे यह क्या किया अब हम अमीर कैसे बनेंगे? मदन पत्नी से बोला ,यह घड़ा तो हमारे लिये मुसीबत बन गया था हम जिस तरह गरीबी में चैन से रहते थे वैसे ही ठीक हैं।