Jungle Ki Kahani – Helipad for kids

Jungle Ki Kahani- Helipad for kids

Hindi Kids Story हेलीपेड:

टेकापार के जंगल में जानवरों की खुशी का ठिकाना नहीं था। जंगल का कोना-कोना खुशियों से भर गया था। जंगल के बीचों-बीच एक संुदर-सा हेलीपेड जो बन गया था।खरगोश, हिरण,शाही,सियार सभी एक साथ उस ओर दौड़े चले जा रहे थे। उनका उत्साह देखते ही बनता था।

उनमेें हेलीपेड देखने की होड़-सी लग गई थी।इसे जिराफ दादा ने बनवाया था। शेरसिंह के बूढे़ हो जाने पर जिराफ को जंगल का राजा बनाया गया था। राजा बनते ही जिराफ ने सबसे पहला काम हेलीपेड बनवाने का ही किया था।

Jungle Ki Kahani – Helipad for kids

मजे की बात यह थी कि आस पास के जंगलों में कहीं भी हेलीपेड नहीं था। घने जंगल के बीचों-बीच एक ऊंची और समतल जगह में हेलीपेड का निर्माण किया गया था। चारों तरफ हरे-हरे और ऊंचे-ऊंचे पेड़ इस जगह की विशेषता थी। सूर्योदय और सूर्यास्त यहां से देखते ही बनता था। सभी जानवर साफ-सुथरे और संुदर हेलीपेड को देखकर फूले नहीं समा रहे थे।

वे मन ही मन जिराफ दादा की प्रशंसा के पुल भी खूब बांध रहे थे।लोमड़ी बोली-आज रात में बिस्तर लगाकर यहीं क्यों नहीं सो लिया जाए।

अपनी बड़ी-बड़ी आंखें मटकाकर किंचू हिरणी बोली। जंगल की कटीली झाड़ियों और गंदी घास पर सोते-सोते मेरी तो कमर ही अकड़ गई है मानो।मेरी शाही तो गेंद बनकर लुढ़कने भी लगी थी।

कछुआ, केकड़ा,कनखजूरा सभी के सभी हेलीपेड को आम सड़क मानकर उसका आनंद उठाने से चूक नहीं रहे थे।एकाएक उनके बीच हंसी का फव्वारा छूट पड़ा। सामने से भारी-भरकम भालू दादा अपनी खिसकती हुई पेंट को संभालते हुए चले आ रहे थे।जानवरों के बीच मौज-मस्ती का दौर चल रहा था। मटरू बंदर तो हेलीपेड के मध्य में नाचने भी लगा था। तभी आकाश में कहीं दूर से तेज गड़गड़ाहट की सी आवाज सुनाई दी।

Jungle Ki Kahani – Helipad for kids

पहाड़ों के ऊपर से एक विशालकाय पंक्षी को डैने पसारकर उड़ते देखकर सभी जानवर भय से चीखने लगे। भोंगा भैंसा ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा। सावधान हेलीकाॅप्टर आ रहा हैं कोई भी जानवर हेलीपेड और उसके अगल-बगल में भी खड़ा न हो। सभी जानवर आश्र्चयचकित थे।

वे पहली बार हेलीपेड पर हेलीकाॅप्टर को उतरते देख रहे थे।तभी धूल की एक आंधी-सी उड़ी और हैलीकाॅप्टर उस धूल में गुम हो गया। छोटे-बड़े सभी जानवर अपनी-अपनी आंखें मलने लगे। वे सब मिचमिची आंखों से हेलीकाॅप्टर को देख-देख रोमांचित हो रहे थे। धूल के बादल छटने पर जानवरों में खुशी की एक लहर दौड़ गई।

शेरसिंह स्वयं कार लेकर जिराफ दादा को लेने आए थे। उन्होंने उनसे हाथ मिलाकर बधाई भी दी थी। जिराफ दादा से हाथ मिलाने को भी बेचैन थे पर हेलीकाॅप्टर के पास जाने की सख्त मनाही थी। क्या पता कोई जानवर पंखों पर ही चढ़ने लगे तो।

शेरसिंह स्वयं कार लेकर जिराफ दादा को लेने आए थे। उन्होंने उनसे हाथ मिलाकर बधाई भी दी थी। जिराफ दादा से हाथ मिलाने को भी बेचैन थे पर हेलीकाॅप्टर के पास जाने की सख्त मनाही थी। क्या पता कोई जानवर पंखों पर ही चढ़ने लगे तो।

जिराफ दादा कार में नहीं समा रहे थे। उनकी लंबी गर्दन बार-बार कार से बाहर निकल जाती थी। तब उन्हें ले जाने के लिए जंगल का ट्रक बुलाया गया। जैसे-तैसे ट्रक में बिठाकर उन्हें वहां से रवाना किया गया।

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उसके बाद सभी जानवर हेलीकाॅप्टर की ओर दौड़ पड़े। कौन पहले पहुंचे की होड़ में सब सिर पर पैर रखकर दौड़ रहे थे। धक्का-मुक्की में कई जानवर औंधे मुंह गिर भी पड़े थे।

एकाएक तिकडू पायलट लकड़बग्घे ने हेलीकाॅप्टर को लेकर उड़ान भरी और दूर जंगल के पास कहीं ले उड़ा।

सभी जानवर मुंह लटकाए खड़े देखते रह गए।कुछ जानवर अपने घरों को लौटना चाहते थे तो कुछ के वहीं रूक कर सोने का मन बना रहे थे। अजगर अपने पूरे परिवार के साथ डेरा डाले हुए था।

उसके बच्चे फिसल पट्टी बनकर फिसल रहे थे।चमगादड़ों की पूरी सेना उदास थी। हेलीपैड पर पेड़ न होने से उनको सोने की समस्या पैदा हो गई थी। वे तो पेड़ की डालियों पर उल्टा लटककर सोते हैं। न इसलिएरात में जब चंदा मामा अपनी कार में सवार होकर हेलीपैड के ऊपर से गुजरे तो पूरा हेलीपेड जगमगाने लगा।

जुगनुओ के झुंडों ने भी तब अपनी जगमगाहट हेलीपेड के ऊपर बिखेर दी।हेलीपेड पूरे जंगल की शोभा बन गया था। उसकी चर्चा जंगल के भीतर और बाहर दोनों जगह होने लगी थी।