पिनोकीयो की कहानी एक लकड़ी के पुतले की है जो जीना चाहता है।
यह कहानी एक इतालवी लेखक कार्लो कोलोडी ने लिखी थी। यहाँ इस कहानी का संक्षिप्त विवरण है:
एक बार की बात है, एक बूढ़ा लकड़ी कारीगर गेपेटो नाम का था। उसने एक दिन लकड़ी से एक पुतला बनाया और उसका नाम पिनोकीयो रखा।
पिनोकीयो में कुछ खास था, वह बोल सकता था और चल सकता था। गेपेटो ने उसे अपने बेटे की तरह प्यार किया।लेकिन पिनोकीयो शरारती था और उसने कई बार गेपेटो की बात नहीं मानी।
वह स्कूल नहीं जाता था और झूठ बोलता था। उसकी इस आदत की वजह से उसकी नाक लंबी हो जाती थी। पिनोकीयो ने कई बार मुश्किलों का सामना किया, जैसे कि वह एक सर्कस में फंस गया था और एक विशालकाय मछली के पेट में भी चला गया था।
लेकिन हर बार पिनोकीयो ने अपनी गलतियों से सीखा और अंततः एक अच्छा लड़का बनने का संकल्प लिया। उसकी सच्चाई और मेहनत से खुश होकर, एक जादू की परि ने उसे एक असली लड़के में बदल दिया।
अंत में, पिनोकीयो और गेपेटो खुशी-खुशी एक साथ रहने लगे।
इस कहानी का मुख्य संदेश यह है कि ईमानदारी और मेहनत से हर किसी की इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।