अलिफ लैला – सिंदबाद जहाजी की चौथी समुद्री यात्रा की कहानीएक बार की बात है, तीसरी सफल यात्रा के बाद सिंदबाद जहाजी ने एक और रोमांचक यात्रा पर जाने का निश्चय किया।
उसने एक मजबूत जहाज तैयार किया, अपने साथियों को इकट्ठा किया और अनजान समुद्रों की ओर रवाना हो गया।यात्रा के दौरान, उनके जहाज को एक भयंकर तूफान ने घेर लिया, जिससे वे अपनी दिशा से भटक गए और एक अनजान क्षेत्र में पहुंच गए।
कई दिनों तक तूफान का सामना करने के बाद, उन्होंने एक हरी-भरी सुंदर द्वीप को देखा और वहां रुकने का फैसला किया ताकि वे अपनी आपूर्ति को फिर से भर सकें।यह द्वीप बाहर से स्वर्ग जैसा दिखता था, लेकिन उसमें एक छिपा हुआ खतरा था।
उन्हें पता नहीं था कि यह द्वीप विशाल नरभक्षियों का घर था। इन नरभक्षियों ने सिंदबाद और उसके साथियों को पकड़ लिया और उन्हें एक-एक करके खाने की योजना बनाई।लेकिन सिंदबाद की चतुराई और सूझबूझ ने उन्हें बचा लिया।
उसने एक चाल चली और इन नरभक्षियों को जहरीली शराब पिला दी। जब वे विशाल मूर्छित हो गए, तो सिंदबाद और उसके साथियों ने एक गुप्त रूप से तैयार किए गए बेड़े पर सवार होकर द्वीप से भागने का प्रयास किया।हालांकि उनकी मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं।
रास्ते में उन्हें समुद्री राक्षसों और खतरनाक लहरों का सामना करना पड़ा। लेकिन सिंदबाद की बहादुरी और नेतृत्व कौशल ने सभी को सुरक्षित रखा।अंततः, वे एक मित्रवत तट पर पहुंचे, जहां उन्हें आतिथ्य और सहायता मिली।
कुछ समय बाद, सिंदबाद अपने घर वापस लौट आया, अनुभवों और संपत्ति से समृद्ध, और इस वादे के साथ कि वह अपने जीवन और अपने घर की सुरक्षा को हमेशा महत्व देगा।
इस प्रकार सिंदबाद की चौथी समुद्री यात्रा समाप्त हुई, जो साहस, चतुराई और मुश्किलों पर विजय की एक प्रेरणादायक कहानी है।