भूत की कहानी:
भाग्य वाले का भूत हल जोतता हैएक गाँव में रामलाल नाम का एक गरीब किसान रहता था। उसकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि वह अपने खेत में हल चलाने के लिए बैल तक नहीं खरीद सकता था।
रोज़ सोचता कि कैसे अपनी ज़मीन को उपजाऊ बनाए और अपना जीवन बेहतर करे।एक दिन, उसने जंगल में एक पुराना बाबा देखा। बाबा ने उसे रोते हुए देखा और पूछा, “बेटा, क्या हुआ? इतने दुखी क्यों हो?”रामलाल ने अपनी पूरी परेशानी बताई। बाबा ने मुस्कुराते हुए कहा, “तुम्हारी किस्मत में हल चलाने का उपाय मैं करता हूँ। यह लो एक मंत्र।
इसे रात के समय अपने खेत में जाकर जोर से पढ़ना। तुम्हारे भाग्य में जो भूत है, वह तुम्हारी मदद करेगा।”रामलाल पहले डर गया लेकिन फिर हिम्मत करके बाबा का दिया हुआ मंत्र याद कर लिया।
रात को अपने खेत में जाकर उसने वह मंत्र जोर से पढ़ा। अचानक, तेज हवा चली और एक भूत प्रकट हुआ।भूत ने गुस्से में कहा, “कौन है जो मुझे परेशान कर रहा है?”रामलाल डरते-डरते बोला, “मैं गरीब किसान हूँ। मेरी मदद कर दो।
मेरे पास हल चलाने के लिए बैल नहीं है।”भूत थोड़ी देर शांत रहा और फिर हँसकर बोला, “अच्छा, तुम भाग्यशाली हो कि मैं तुम्हारे भाग्य का भूत हूँ। मैं तुम्हारी मदद करूँगा, लेकिन एक शर्त है।
जब तक सूरज नहीं उगता, मैं हल चलाऊँगा। लेकिन अगर तुमने मुझे रोका, तो मैं तुम्हें नुकसान पहुँचा सकता हूँ।”रामलाल ने खुशी-खुशी हाँ कर दी। भूत ने हल उठाया और खेत जोतना शुरू कर दिया।
वह इतनी तेज़ी से काम कर रहा था कि कुछ ही घंटों में पूरा खेत तैयार हो गया। सुबह होते ही भूत गायब हो गया।रामलाल की किस्मत चमक गई। उसकी फसल अच्छी हुई, और वह अमीर हो गया।
गाँव वालों को जब यह बात पता चली तो सबने बाबा से वह मंत्र माँगना शुरू किया। लेकिन बाबा ने कहा, “यह मंत्र सबके लिए नहीं है।
इसे केवल जरूरतमंद और सच्चे इंसान के लिए ही दिया जाता है।”इस तरह, रामलाल और उसका “भाग्य का भूत” गाँव में एक कहानी बन गए। लोग कहते हैं कि मेहनत और सच्चाई से भाग्य भी आपके लिए हल जोत सकता है।