भूतहा अस्पताल की कहानी
यह कहानी एक पुराने अस्पताल की है, जो शहर के बाहर वीरान इलाके में स्थित था। इस अस्पताल को लोग “भूतहा अस्पताल” कहते थे क्योंकि कहते हैं कि यहां कई अजीब घटनाएं होती थीं। कई मरीजों और डॉक्टरों ने वहां अनजानी परछाइयों और डरावनी आवाजों के बारे में बताया था। धीरे-धीरे यह अस्पताल बंद हो गया और खंडहर में बदल गया।
घटना की शुरुआत
एक बार, चार दोस्तों – अजय, रिया, विक्रम और पायल – ने भूतहा अस्पताल में जाने का फैसला किया। वे साहसी थे और भूतों की कहानियों को मजाक समझते थे। एक रात, वे टॉर्च और कैमरे लेकर अस्पताल पहुंचे।
अस्पताल की दीवारें टूटी हुई थीं और चारों तरफ अंधेरा था। जैसे ही वे अंदर गए, उन्हें अजीब-सी ठंडक महसूस हुई। रिया ने कहा, “यहां कुछ तो अजीब है।” लेकिन अजय ने उसे मजाक में उड़ाते हुए कहा, “यह सिर्फ तुम्हारा वहम है।”
अजीब घटनाएं
जैसे-जैसे वे अंदर बढ़े, उन्हें पुरानी स्ट्रेचर की आवाज सुनाई दी, जैसे कोई उसे धकेल रहा हो। विक्रम ने टॉर्च की रोशनी उस ओर डाली, लेकिन वहां कुछ नहीं था। पायल ने घबराकर कहा, “हमें यहां से चलना चाहिए।”
अचानक, एक कमरे से बच्चे के रोने की आवाज आने लगी। चारों डर गए, लेकिन अजय ने हिम्मत करके कमरे के अंदर झांकने का फैसला किया। कमरे में एक पुरानी व्हीलचेयर थी, जो अपने-आप हिल रही थी।
भूत से सामना
तभी कमरे का दरवाजा जोर से बंद हो गया, और चारों उसमें फंस गए। कमरे की दीवार पर खून से लिखा था, “तुम यहां से जिंदा नहीं जाओगे!”
अजय ने दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं खुला। तभी एक परछाई उनके पास से गुजरी, और सबने ठंडी हवा का झोंका महसूस किया। रिया चीख पड़ी, “ये जगह सच में भूतिया है!”
बचाव
चारों ने एक साथ प्रार्थना करनी शुरू कर दी। तभी दरवाजा अपने-आप खुल गया। वे तेजी से भागते हुए अस्पताल से बाहर निकले। बाहर पहुंचकर उन्होंने महसूस किया कि उनका शरीर पसीने से भीगा हुआ था और दिल जोर-जोर से धड़क रहा था।
सीख
उस दिन के बाद, चारों ने कसम खाई कि वे ऐसी जगहों पर कभी नहीं जाएंगे। उन्होंने सीखा कि भूत-प्रेत की कहानियां सिर्फ कहानियां नहीं होतीं, बल्कि कुछ रहस्य वास्तव में डरावने हो सकते हैं।
“हर जगह मजाक नहीं होता, कुछ जगहें रहस्यमयी और डरावनी भी होती हैं।”