यूनिकॉर्न की कहानी | Unicorn Story In Hindi

यूनिकॉर्न की कहानी | Unicorn Story In Hindi

यूनिकॉर्न की कहानी

बहुत समय पहले, घने जंगलों के बीच एक सुंदर और जादुई स्थान था जिसे “इंद्रधनुषी घाटी” कहा जाता था। इस घाटी में दुर्लभ और अद्भुत जीव रहते थे, लेकिन उनमें सबसे अनोखा था यूनिकॉर्न। यह जादुई घोड़ा सफेद रंग का था, उसके माथे पर एक चमचमाता हुआ सींग था, और उसकी पूंछ इंद्रधनुष की तरह रंगीन थी।

यूनिकॉर्न अपनी शुद्धता, अच्छाई, और जादुई शक्तियों के लिए जाना जाता था। कहते हैं कि यूनिकॉर्न का एक बूंद आंसू भी किसी भी रोग को ठीक कर सकता था, और उसके सींग का स्पर्श हर बुराई को समाप्त कर सकता था।

गांव की लड़की और यूनिकॉर्न

इंद्रधनुषी घाटी के पास एक छोटा सा गांव था। उस गांव में एक प्यारी और दयालु लड़की रहती थी जिसका नाम आर्या था। आर्या जानवरों से बहुत प्यार करती थी और अक्सर जंगल में घूमती थी।

एक दिन, जब वह जंगल में थी, तो उसने एक घायल पक्षी देखा। वह उसे बचाने के लिए दौड़ी, लेकिन तभी उसने महसूस किया कि कोई उसकी ओर देख रहा है। उसने ऊपर देखा तो एक सुंदर यूनिकॉर्न खड़ा था।

यूनिकॉर्न को देखकर आर्या मंत्रमुग्ध हो गई। वह डरकर भागी नहीं, बल्कि धीरे-धीरे उसके पास गई। यूनिकॉर्न ने अपनी चमचमाती आंखों से उसे देखा और महसूस किया कि आर्या का दिल बहुत सच्चा और दयालु है।

यूनिकॉर्न का रहस्य

आर्या ने यूनिकॉर्न की मदद करने की कोशिश की। उसने महसूस किया कि यूनिकॉर्न अपने जादुई सींग से घायल पक्षी को छू रहा है और पक्षी तुरंत ठीक हो गया। आर्या ने कहा,
“तुम सच में जादुई हो। तुम इतने सुंदर और खास हो।”

यूनिकॉर्न ने पहली बार किसी इंसान को अपने करीब आने दिया, क्योंकि वह जानता था कि आर्या उस पर भरोसा करती है और उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगी।

बुराई का खतरा

इंद्रधनुषी घाटी की जादुई शक्ति के बारे में एक लालची राजा को पता चला। उसने सुना कि यूनिकॉर्न का सींग अमरता दे सकता है। उसने अपने सैनिकों को यूनिकॉर्न को पकड़ने का आदेश दिया।

आर्या को जब यह बात पता चली, तो उसने यूनिकॉर्न को बचाने की ठानी। उसने यूनिकॉर्न को बताया कि राजा उसके पीछे है। यूनिकॉर्न ने आर्या की आंखों में देखा और कहा,
“तुम्हारा दिल सच्चा है। मैं तुम्हारे साथ रहूंगा। लेकिन अगर राजा ने मुझे पकड़ लिया, तो यह घाटी अपनी सारी जादुई शक्तियां खो देगी।”

यूनिकॉर्न की रक्षा

आर्या ने गांव के अन्य लोगों को भी सचेत किया। उसने सबको समझाया कि यूनिकॉर्न और उसकी जादुई शक्ति का महत्व क्या है। गांववालों ने मिलकर राजा के सैनिकों को घाटी में घुसने से रोक दिया।

जब सैनिक हार गए, तो राजा को अपनी गलती का अहसास हुआ। उसने यूनिकॉर्न से माफी मांगी और वादा किया कि वह उसे कभी नुकसान नहीं पहुंचाएगा।

सुखद अंत

यूनिकॉर्न ने अपनी जादुई शक्तियों से पूरे गांव को आशीर्वाद दिया। अब वह घाटी पहले से भी ज्यादा सुंदर और सुरक्षित हो गई। आर्या और यूनिकॉर्न अच्छे दोस्त बन गए।

यूनिकॉर्न ने आर्या से कहा,
“सच्चे दिल वाले लोग ही इस दुनिया को बेहतर बना सकते हैं। तुमने मेरी मदद की, और मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं।”

और इस तरह, इंद्रधनुषी घाटी हमेशा के लिए जादुई और खुशहाल बनी रही।

“सच्चाई, दयालुता और प्रेम से हर बुराई को हराया जा सकता है।”