रॅपन्ज़ेल की कहानी
बहुत समय पहले, एक छोटे से गांव में एक गरीब दंपति रहता था। उनके घर के पास एक जादुई बगीचा था, जो एक दुष्ट जादूगरनी का था। बगीचे में हर तरह के फल और सब्जियां उगती थीं।
एक दिन, उस महिला ने बगीचे में उग रही रॅपन्ज़ेल नामक हरी पत्तियों को देखा और उसकी तीव्र इच्छा हुई कि वह इसे खाए। लेकिन वह जानती थी कि जादूगरनी के बगीचे से कुछ चुराना खतरनाक था। उसके पति ने उसकी हालत देखकर सोचा कि वह किसी तरह से वह पत्तियां लाकर देगा।
रात को वह आदमी चुपके से बगीचे में गया और रॅपन्ज़ेल की पत्तियां तोड़ लाया। महिला ने उन्हें खाया और बहुत खुश हुई। लेकिन अगली बार जब वह आदमी फिर से पत्तियां लेने गया, तो जादूगरनी ने उसे पकड़ लिया।
जादूगरनी ने गुस्से में कहा, “तुमने मेरे बगीचे से चोरी की है। तुम्हें इसकी सजा मिलेगी।” आदमी ने माफी मांगी और कहा कि वह यह सब अपनी पत्नी के लिए कर रहा था। जादूगरनी ने कहा, “ठीक है, लेकिन इसकी कीमत तुम्हें चुकानी होगी। जब तुम्हारा बच्चा होगा, तो मुझे देना होगा।”
डर के मारे आदमी ने यह वादा कर दिया।
कुछ महीनों बाद, दंपति के घर एक सुंदर बच्ची का जन्म हुआ। जादूगरनी आई और बच्ची को अपने साथ ले गई। उसने बच्ची का नाम रॅपन्ज़ेल रखा और उसे एक ऊंचे टावर में कैद कर दिया। टावर में न कोई सीढ़ी थी, न दरवाजा, सिर्फ एक खिड़की थी।
रॅपन्ज़ेल बड़ी होकर बेहद सुंदर हो गई। उसके लंबे सुनहरे बाल उसके घुटनों तक लहराते थे। जब जादूगरनी उससे मिलने आती, तो वह खिड़की के नीचे खड़ी होकर कहती,
“रॅपन्ज़ेल, रॅपन्ज़ेल, अपने बाल नीचे लटकाओ।“
रॅपन्ज़ेल अपने लंबे बाल नीचे लटकाती, और जादूगरनी उनके सहारे ऊपर चढ़ जाती।
एक दिन, एक राजकुमार जंगल से गुजर रहा था। उसने रॅपन्ज़ेल की मधुर आवाज सुनी, जो वह टावर की खिड़की से गाना गा रही थी। राजकुमार ने टावर तक जाने का रास्ता खोजा, लेकिन कोई दरवाजा नहीं मिला। तभी उसने जादूगरनी को बालों के सहारे चढ़ते देखा।
अगले दिन, राजकुमार ने वही तरीका अपनाया। उसने कहा,
“रॅपन्ज़ेल, रॅपन्ज़ेल, अपने बाल नीचे लटकाओ।“
रॅपन्ज़ेल ने बाल नीचे लटकाए, और राजकुमार ऊपर चढ़ गया।
राजकुमार और रॅपन्ज़ेल जल्दी ही अच्छे दोस्त बन गए और एक-दूसरे को पसंद करने लगे। उन्होंने मिलकर योजना बनाई कि रॅपन्ज़ेल को टावर से आजाद किया जाएगा।
लेकिन एक दिन, जादूगरनी ने दोनों को देख लिया। गुस्से में, उसने रॅपन्ज़ेल के बाल काट दिए और उसे एक वीराने में भेज दिया। राजकुमार को उसने टावर से नीचे फेंक दिया, जिससे वह अंधा हो गया।
अंधा राजकुमार जंगल में भटकने लगा। वर्षों बाद, उसने रॅपन्ज़ेल की आवाज सुनी। वह आवाज की दिशा में गया और उसे खोज लिया। रॅपन्ज़ेल की खुशी के आंसू उसके चेहरे पर गिरे, और जादुई रूप से राजकुमार की आंखों की रोशनी लौट आई।
दोनों ने खुशी-खुशी शादी की और अपने राज्य में लौट गए। वहां उन्होंने अपना जीवन सुखपूर्वक बिताया।
नैतिक शिक्षा:
सच्चा प्यार और दृढ़ता हर मुश्किल को पार कर सकता है।