1. करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है।
2. यह व्रत हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है।
3. इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रमा के दर्शन तक निर्जला व्रत रखती हैं।
4. करवा चौथ पर महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और पारंपरिक परिधान पहनती हैं।
5. व्रत की शुरुआत सरगी से होती है, जिसे सास अपनी बहू को देती है।
6. दिनभर महिलाएं कथा सुनती हैं और भगवान शिव, माता पार्वती, और गणेश जी की पूजा करती हैं।
7. रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत तोड़ा जाता है।
8. करवा चौथ में करवे (मिट्टी के पात्र) का विशेष महत्व होता है।
9. यह व्रत पति-पत्नी के आपसी प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
10. यह त्यौहार भारतीय संस्कृति में परिवार और रिश्तों की अहमियत को दर्शाता है।