विक्रम बेताल की कहानी: असली वर कौन – बेताल पच्चीसी पांचवी कहानी / Vikram Betal Story Aasli Baar Koun In Hindi

विक्रम और बेताल की कहानी: असली वार कौन?

यह कहानी विक्रम-बेताल की प्रसिद्ध कथाओं में से एक है। राजा विक्रमादित्य अपनी न्यायप्रियता और वीरता के लिए प्रसिद्ध थे। उनके राज्य में कोई भी समस्या हो, वह उसे सुलझाने में कभी पीछे नहीं रहते थे।एक दिन एक योगी ने विक्रम से कहा कि वह जंगल में एक पेड़ पर लटके हुए बेताल को पकड़कर लाए।

बेताल एक चालाक आत्मा थी, और वह विक्रम को कहानियां सुनाकर चालाकी से वापस भागने की कोशिश करता।इस बार बेताल ने राजा विक्रमादित्य को एक कहानी सुनाई:—

एक बार, एक राज्य में तीन भाई थे। वे तीनों एक ही लड़की से विवाह करना चाहते थे। उस लड़की का नाम सुशीला था और वह सुंदर और बुद्धिमान थी। एक दिन, सुशीला की अचानक मृत्यु हो गई। तीनों भाई उसकी मौत से बहुत दुखी हुए और अलग-अलग तरीकों से उसे वापस लाने की कोशिश करने लगे।

पहले भाई ने उसके मृत शरीर को जलाकर उसकी राख को संभालकर रख लिया।दूसरे भाई ने योग विद्या का अभ्यास किया ताकि वह सुशीला को पुनर्जीवित कर सके।तीसरे भाई ने संन्यास लेकर ध्यान करना शुरू कर दिया।कुछ समय बाद, दूसरे भाई की योग विद्या सफल हुई, और उसने सुशीला को जीवित कर दिया। अब सवाल यह था कि सुशीला किसके साथ रहेगी? तीनों भाई इस बात पर बहस करने लगे।बेताल ने राजा विक्रम से पूछा, “बताइए, सुशीला का असली पति कौन है?”—

राजा विक्रम ने जवाब दिया, “सुशीला का असली पति पहला भाई है, क्योंकि उसने अपनी पत्नी की राख को संभालकर रखा और उसके शरीर की सुरक्षा की। उसने अपने प्रेम और कर्तव्य का पालन किया। दूसरा भाई और तीसरा भाई उसकी मदद कर सकते हैं, लेकिन असली पति वही है जिसने उसका सम्मान बनाए रखा।”

बेताल विक्रम के उत्तर से प्रसन्न हुआ, लेकिन वह चालाकी से वापस पेड़ पर उड़ गया। राजा विक्रम ने फिर से बेताल को पकड़ने की ठानी।इस तरह बेताल अपनी कहानियों के माध्यम से विक्रम की न्यायप्रियता और बुद्धिमानी की परीक्षा लेता रहा।