किसी जंगल में तीन भालू रहते थे – पापा भालू, मम्मी भालू और बेबी भालू। वे एक प्यारे से घर में रहते थे।
एक दिन मम्मी भालू ने नाश्ते के लिए दलिया बनाया। दलिया बहुत गर्म था, इसलिए वे सभी सैर पर चले गए ताकि दलिया ठंडा हो सके।
उसी समय, एक छोटी लड़की जिसका नाम गोल्डीलॉक्स था, वह जंगल में घूमते-घूमते उस भालुओं के घर तक आ पहुंची।
उसने दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए उसने दरवाजा खोलकर अंदर चली गई।अंदर जाकर उसने तीन कटोरों में दलिया देखा।
उसने सबसे बड़े कटोरे से थोड़ा दलिया चखा, लेकिन वह बहुत गर्म था। फिर उसने मंझले कटोरे से चखा, लेकिन वह बहुत ठंडा था।
अंत में उसने सबसे छोटे कटोरे से चखा, और वह बिल्कुल सही था, तो उसने सारा दलिया खा लिया।फिर गोल्डीलॉक्स को थकान महसूस हुई और वह बैठने के लिए कुर्सियाँ ढूँढने लगी।
उसने सबसे बड़ी कुर्सी पर बैठने की कोशिश की, लेकिन वह बहुत कठोर थी। फिर उसने मंझली कुर्सी पर बैठने की कोशिश की, लेकिन वह बहुत नरम थी। अंत में उसने सबसे छोटी कुर्सी पर बैठने की कोशिश की, और वह बिल्कुल सही थी।
लेकिन जैसे ही वह बैठी, कुर्सी टूट गई।अब गोल्डीलॉक्स और अधिक थक गई थी और सोने के लिए बिस्तर ढूँढने लगी। उसने सबसे बड़े बिस्तर पर सोने की कोशिश की, लेकिन वह बहुत कठोर था।
फिर उसने मंझले बिस्तर पर सोने की कोशिश की, लेकिन वह बहुत नरम था। अंत में उसने सबसे छोटे बिस्तर पर सोने की कोशिश की, और वह बिल्कुल सही था। गोल्डीलॉक्स सो गई।
थोड़ी देर बाद भालू परिवार घर वापस आया। उन्होंने देखा कि किसी ने उनके दलिया खाए हैं, उनकी कुर्सी तोड़ी है और बेबी भालू के बिस्तर पर सो रहा है। उन्होंने गोल्डीलॉक्स को देखा और उसे जगाया।
गोल्डीलॉक्स डरकर वहाँ से भाग गई और फिर कभी लौटकर नहीं आई।
और इस तरह गोल्डीलॉक्स और तीन भालुओं की कहानी समाप्त होती है।