राजकुमारी और मटर की कहानी | Princess And The Pea Story In Hindi

बहुत समय पहले की बात है, एक सुंदर और भव्य राज्य में एक राजकुमार रहता था। वह बहुत समझदार और दिल से अच्छा था।

राजकुमारी और मटर की कहानी – The Princess And The Pea

बहुत समय पहले की बात है, एक सुंदर और भव्य राज्य में एक राजकुमार रहता था। वह बहुत समझदार और दिल से अच्छा था। राजकुमार ने शादी करने का फैसला किया, लेकिन वह किसी साधारण लड़की से नहीं, बल्कि एक सच्ची राजकुमारी से विवाह करना चाहता था।

सच्ची राजकुमारी की खोज

राजकुमार ने दुनिया भर में यात्रा की। उसने कई राजकुमारियों से मुलाकात की, लेकिन उसे उनमें से कोई भी सच्ची राजकुमारी नहीं लगी। कोई दिखने में राजकुमारी थी, लेकिन स्वभाव से नहीं, तो कोई स्वभाव से अच्छी थी, लेकिन सच्ची राजकुमारी होने का प्रमाण नहीं दे पाई। राजकुमार उदास होकर अपने महल लौट आया।

तूफानी रात

एक दिन, तेज बारिश हो रही थी और तूफान ने पूरे राज्य को हिला दिया। बिजली कड़क रही थी, और हर कोई अपने घरों में छिपा हुआ था। तभी महल के दरवाजे पर एक दस्तक हुई।

महल के नौकर ने दरवाजा खोला, तो उसने एक भीगी हुई लड़की को देखा। उसके कपड़े साधारण थे, लेकिन उसने कहा,
“मैं एक सच्ची राजकुमारी हूं। क्या मुझे शरण मिलेगी?”

राजकुमार की मां, जो बहुत समझदार रानी थी, ने लड़की को देखा और सोचा,
“क्या यह सच में एक सच्ची राजकुमारी हो सकती है?”

रानी की परीक्षा

रानी ने राजकुमारी की सच्चाई जांचने के लिए एक अनोखी योजना बनाई। उसने एक बड़े बिस्तर पर एक मटर का दाना रखा और उसके ऊपर बीस गद्दे और बीस रजाइयां बिछाईं। उसने राजकुमारी से कहा कि वह इस बिस्तर पर आराम करे।

अगली सुबह

सुबह, जब राजकुमारी जागी, तो रानी ने उससे पूछा,
“रात कैसी बीती?”

राजकुमारी ने कहा,
“मुझे बहुत अजीब लगा। मैं ठीक से सो नहीं पाई। ऐसा लगा, जैसे बिस्तर में कुछ कठोर चीज थी, जिसने मुझे सारी रात परेशान किया। मेरी त्वचा पर चोट के निशान तक पड़ गए।”

सच्ची राजकुमारी का प्रमाण

यह सुनकर रानी और राजकुमार बहुत खुश हुए। केवल एक सच्ची राजकुमारी ही इतनी नाजुक हो सकती है कि मटर के एक छोटे से दाने को महसूस कर सके, चाहे वह बीस गद्दों और रजाइयों के नीचे ही क्यों न हो।

सुखद अंत

राजकुमार ने सच्ची राजकुमारी से शादी कर ली। दोनों ने खुशी-खुशी जीवन बिताया, और मटर का दाना अब भी महल में रखा हुआ था, ताकि भविष्य में हर कोई यह कहानी याद रखे।

“सच्ची महानता हमेशा अंदर से झलकती है, चाहे वह कितनी भी नाजुक क्यों न हो।”