द लेजेंड ऑफ़ द रोज़ फेयरी पार्ट 2 | The Legend of The Rose Fairy Part 2 🌹 WOA – Fairy Tales Hindi

जीवन के जंगल में जहां सफेद रंग की एक गुलाब परी रहती थी. उनके राज्य में एक लाल परी थी. जिसका नाम रोजा था. इस उथल-पुथल के बाद वह जान गई थी की प्रति एक परी के जीवन में अपनी अहम भूमिका है. तब से जंगल में अलग-अलग रंग की परियों का स्वागत किया. जिससे वह जंगल और भी ज्यादा दिलचस्प बन गया.

रोजा रोज की तरह जंगल में घूम रही थी तभी उसके सामने कुछ अजीब गिर पड़ा. उसके पास गई. और बोली ऐसी चीज मैंने पहले कभी नहीं देखी. तभी उसके पास सफेद परी आई और बोली रोजा यहां क्या कर रही हो. तब रोजा बोली मैंने यह चीज को गिरा दिया है क्या तुम जानती हो कि यह क्या है. सफेद परी बोली मुझे नहीं पता तुम्हें इससे यही छोड़ देना चाहिए. इसका मालिक जल्द ही वापस आ जाएगा यदि तुम जान पूछ कर अपने राज्य में कुछ लेकर आते हो तो रानी को इससे खुशी नहीं होगी. यह बात बोल कर वहां से चली गई. लेकिन रोजा को उसमें दिलचस्पी थी. इसीलिए वह उसको अकेला वहां नहीं छोड़ना चाहती थी. रोजा नहीं सोचा, मैं इतनी खूबसूरत चीज को अकेले कैसे छोड़ दूं इसलिए वह उसे वहां से दूसरी जगह ले गई और सोचने लगी जब इसका मालिक आएगा तो मैं इसको दे दूंगी.

अगले दिन सुबह उसमें से कुछ आवाज आई जिसे सुनकर रोजा जाग गई. उसने उसे देखा और उसे यह पता चला कि यह तो एक परी तितली का अंडा है. उसने कहा, कितना प्यारा है वह रोने लगा उसने उससे पूछा तुम्हें क्या हुआ है? क्या तुम भूखे हो लेकिन मैं तुम्हें क्या खिलाऊंगी? फूलों का रस अखरोट यह सुनकर वह बच्चा रोने लगा. रोजा सोच में पड़ गई. उसे लेकर वहां से जा ही रही थी कि वह फरीदा पसंदीदा खाने पर खुदा और उसको वह गुलाब की पंखुड़ियां पसंद थी. बच्चे के रोने और अनेकों परियों को आकर्षित किया. उनमें से एक परी मैंने एक आवाज सुनी थी क्या तुम ठीक हो? मैं बिल्कुल ठीक हूं. मैं तो बस अपनी आवाज अभ्यास कर रही थी यह बात बोल कर उसने दरवाजा बंद कर लिया. फिर वह दूसरी परी वहां से चली गई. तब तक उस बच्चे का पेट पूरी तरह से भर चुका था और उसने रोना भी बंद कर दिया था. और वह वहां से उठकर रोजा के बिस्तर पर जाकर सो गया. फिर उसे उसका एक नाम रखना चाहिए. उसने उससे कहा, मैं आज से तुम्हें सोनी बुला लूंगा. तब से रोजा उस बच्चे को खिलाने के लिए चुपके से गुलाब के पत्ते ले लिया करती थी. सुनी खाती और तेजी से बढ़ने लगी. इसके बाद वह जहां से उसके लिए गुलाब की पत्तियां लाती थी वहां पर गुलाब की पत्तियां कम होने लगी. यह देखकर सभी परियों को चिंता होने लगी. जब यह सूचना रानी के पास गई तो रानी ने सभी परियों को अपने पास बुलाया.

इसी बीच सोनी रोजा का पत्ते लाने का इंतजार कर रही थी. क्योंकि वे बहुत ज्यादा भूखी थी. सोनी ने खाना खोजने के लिए बाहर जाने की कोशिश की खुशबू का पीछा करते हुए सुनी पुराने गुलाब के पीछे पहुंच गई जहां सारी परियां मिलकर चर्चा कर रही थी. उसका शरीर बड़ा होने की वजह से उसके रास्ते में जो आया उसने सब कुछ खराब कर दिया. सोनी को देखकर सारी परियां डर गई. जब यासुनी पर हमला करने ही वाली थी तो रोजा उन्हें रोकने के लिए उनकी तरफ भागी. रोजा बोली कृपया करके कोई सोनी को नुकसान ना पहुंचा. यह देखकर रानी आश्चर्यचकित रह गई रानी ने रोजी से पूछा क्या तुम इस बच्चे को जानती हो. मैंने सुनी को उठाया और उसको अपने घर ले गई क्योंकि वह सिर्फ एक अंडा थी. यह बात सुनकर रानी आश्चर्य में हुई और बोली क्या जानती हैं आपने यह क्या किया है. अगर गुलाब के पत्ते खत्म हो जाते तो कोई नहीं परी पैदा नहीं होती. रोजी ने रानी से माफी मांगी और बोला मैं सोनी को यहां से ले जाती हूं.

रोजा सोनी को गांव से बाहर ले गई. जहां से भी निकल कर एक पेड़ पर चढ़ गई और अजीब हरकतें करने लगी. यह देखकर रोजा, आश्चर्यचकित थी. लेकिन थोड़ी देर बाद सोनी 1 कुकून में शांति से सो गई जिसे उसने बनाया था. रोजा उसके पास गई और बोली, सोनी तुम्हें क्या हुआ मुझे मुझे जवाब दो, रोजा ने सोनी को कई बार पुकारा लेकिन सोनी बिल्कुल भी ना हिली. आखिरकार निराश होकर रोजी वहां से चली गई.

अगले दिन गुलाब के पेड़ पर विशाल परियों का समूह हमला करने आया. रानी ने यह देखकर उससे कहा, गुलाब की परियों ने कभी किसी पर हमला नहीं किया है तो आज तुम सब इस पर हमला क्यों कर रहे हो? मेरे बच्चे को वापस लाओ राजकुमारी मेरे बच्चे का अपहरण करने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? राजकुमारी बोली मैंने मैंने किसी भी बच्चे का अपहरण नहीं किया है. किसी ने देखा था कि आप लोगों के पास एक बच्चा था. और मैंने अपना एक बच्चा खो दिया है. क्या आप लोग अभी भी झूठ बोल रहे हो? अगर वह बच्चा आपका था तो मैंने अपनी परी से उसे जंगल से बाहर ले जाने के लिए कहा था अब मुझे नहीं पता कि वह कहां है. यह बात सुनकर, वह बोली ठीक है अगर आप मेरे बच्चे को नहीं लौट आना चाहती तो हम सब लोग मिलकर तुम्हारा सारा जंगल नष्ट कर देंगे.
उसके बाद उसने अपने विशाल कीड़े से जंगल पर हमला करने के लिए कहा, उसकी बात सुनकर वह विशाल कीड़ा जंगल पर हमला करने लगा. गुलाब की परियों ने बचाव करने की बहुत कोशिश की लेकिन कीड़ा विशाल होने की वजह से वह हार हुई थी. लड़ाई दोनों में काफी हुई यहां तक कि रोजा भी उसका कुछ ना बिगाड़ सके, रानी ने यह देखकर सब को हुक्म दिया. इस कीड़े से लड़ने के लिए तुम सब को एकजुट होना पड़ेगा रानी की बात सुनकर सब परियां एक साथ आ गई. और वह एक साथ मिलकर लड़ने लगी. थोड़ी देर के बाद उस कीड़े को हराने में वह कामयाब नहीं. लेकिन बात ही खत्म नहीं हुई. सब परियों ने मिलकर उस जहरीले पदार्थ को हवा में फेंक दिया जिससे सारी गुलाब की पर या नीचे गिर गई. विशाल कीड़ा वहां से बच निकला और फिर उसने सभी परियों पर दोबारा हमला कर दिया. फिर वहां पर एक तितली का पंख आया उस पंख ने अपने पंख से सारी तितलियों को ढक दिया. यह देखकर वह विशाल कीड़ा सोचने लगा, रोजी ने उसको पहचान लिया और बोली सोनी क्या वह तुम हो? आंखों के रंग को देखकर……. तितली परी पहचान गई कि यह उसी का बच्चा है. उसने कहा मेरी बेटी तुम जहां हो मैं तुम्हें ही ढूंढ रही थी? उसकी बेटी ने अपनी मां से कहा, आपको रोजा को चोट नहीं पहुंचाने चाहिए थी? वह एक अच्छी परी है मेरे पैदा होने के बाद से उसने ही मेरा ध्यान रखा था. उसकी तरफ देखा और उससे पूछा, क्या तुम ठीक हो सोनी…………. मैंने तो सोचा था कि तुम………………………… तब सोनी बोली, कल में तितली बनने के लिए कौन बना रही थी. मुझे माफ करना कि मैंने आपको परेशान किया……………………………. फिरोजा ने सभी परियों को उसके बारे में बताया, और सारी परियों की गलतफहमी भी दूर हो गई. रानी परी से माफी मांगी और कहा मैंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया, . सोनी की मां ने भी उस से माफी मांगी और मुझे भी बहुत गुस्सा आया जिसकी वजह से सब कुछ खराब हो गया. मुझे यह सब करने से पहले आप लोगों से बात करनी चाहिए थी.
तब दोनों समूह एक साथ मिल गए और मिलकर राज्य का पुनः निर्माण किया. यह देखकर रानी दी बहुत खुश हुई.