धोबी का गधा की कहानी | Dhobi Ka Gadha Story In Hindi

“धोबी का गधा” एक प्रसिद्ध हिंदी कहावत है, और इससे जुड़ी कहानी कुछ इस प्रकार है:

एक गांव में एक धोबी रहता था। उसके पास एक गधा था जो रोज कपड़े ढोने का काम करता था। धोबी बहुत ही गरीब था, इसलिए वह अपने गधे का ज्यादा ध्यान नहीं रख पाता था।

गधा भी मेहनत करते-करते थक चुका था, लेकिन उसके पास कोई और रास्ता नहीं था। हर रोज धोबी गधे पर कपड़ों की भारी गठरियाँ लादता और उसे नदी किनारे ले जाता। दिनभर गधा मेहनत करता और फिर शाम को खाली पेट ही वापस आता।

एक दिन गधा बहुत थक गया और सोचने लगा, “क्यों ना मैं कहीं और चला जाऊं? यहां तो मुझे सिर्फ काम करना पड़ता है और खाने को भी ठीक से नहीं मिलता।”अगले दिन गधा बिना बताए जंगल की ओर भाग गया।

वहां उसे बहुत सारे हरे-भरे पेड़-पौधे और स्वादिष्ट फल मिल गए। गधा बहुत खुश हुआ और सोचा कि यहां तो मुझे मेहनत भी नहीं करनी पड़ती और खाने को भी अच्छा मिल जाता है।

कुछ दिन तो गधा आराम से जंगल में घूमता रहा, लेकिन धीरे-धीरे उसे महसूस होने लगा कि यहां तो उसकी कोई देखभाल नहीं करता।

उसे अकेलापन महसूस होने लगा और फिर उसे अपने मालिक धोबी की याद आने लगी। वह समझ गया कि धोबी भले ही उसे ज्यादा नहीं खिलाता था, लेकिन उसके पास उसे प्यार और देखभाल मिलती थी।

आखिरकार, गधा वापस अपने मालिक धोबी के पास लौट आया। धोबी ने भी उसे देख कर बहुत खुशी जाहिर की और उसके आने पर उसे अच्छे से खाना खिलाया। गधे ने समझा कि चाहे कितनी भी मुश्किलें हों, हमें अपनी जिम्मेदारियों से भागना नहीं चाहिए।

**कहानी की सीख:**

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों से भागने की बजाय, हमें उनका सामना करना चाहिए। हर जगह अपनी चुनौतियां होती हैं, लेकिन हमें समझदारी और धैर्य से काम लेना चाहिए।