भूत की कहानी: भूतिया पेड़
यह कहानी एक छोटे से गांव की है, जहाँ एक विशाल और पुराना पेड़ था, जिसे लोग “भूतिया पेड़” कहते थे। यह पेड़ गांव के बाहर एक सुनसान जगह पर था, और उसके आसपास की ज़मीन हमेशा आच्छादित और अंधेरी रहती थी। लोग कहते थे कि उस पेड़ के नीचे रात के समय अजीब घटनाएं होती हैं और वहां किसी भूत का वास है।
पेड़ की रहस्यमयी कहानी
गांव के बुजुर्गों का कहना था कि बहुत साल पहले उस पेड़ के नीचे एक व्यक्ति की हत्या हुई थी। वह व्यक्ति गांव का ही था, जिसे कुछ अपराधियों ने बेवजह मार डाला। उसकी आत्मा अब उस पेड़ के आसपास भटकती है और कभी किसी को चैन से रहने नहीं देती।
गांव में रात के समय कोई उस रास्ते से नहीं गुजरता था, क्योंकि पेड़ के पास जाते ही अजीब-सी आवाजें और ठंडी हवा चलने लगती थी। कोई भी रात के समय उस पेड़ के पास जाने की हिम्मत नहीं करता था।
साहसी लड़का और पेड़
एक दिन, गांव में एक साहसी लड़का, अर्जुन, आया। उसने जब गांववालों से उस भूतिया पेड़ के बारे में सुना, तो उसकी जिज्ञासा और बढ़ गई। अर्जुन ने ठान लिया कि वह उस पेड़ के रहस्य को उजागर करेगा।
रात के समय, अर्जुन अपने हाथ में एक मशाल लेकर उस पेड़ की ओर चल पड़ा। जैसे ही वह पेड़ के पास पहुंचा, हवा अचानक से तेज हो गई और पेड़ की शाखाएँ एक अजीब आवाज में हिलने लगीं। अर्जुन को लगा जैसे कोई उसे देख रहा है।
भूत से सामना
अर्जुन पेड़ के नीचे खड़ा हुआ और उसने गहरी आवाज में कहा, “जो भी यहां हो, मुझे दिखाओ।”
तभी, एक धुंधली सी आकृति सामने आई और बोली, “तुमने इस स्थान पर कदम रखा है, अब तुम्हें मुझे शांति देनी होगी।”
अर्जुन ने डरते हुए पूछा, “तुम कौन हो और यहां क्यों हो?”
आकृति ने कहा, “मैं वही व्यक्ति हूं, जिसे यहां मारा गया था। मेरी आत्मा इस पेड़ से बंधी हुई है। जब तक कोई मेरी हत्या का बदला नहीं लेगा, मैं शांति नहीं पा सकता।”
अर्जुन की समझदारी
अर्जुन ने सोचा और फिर बोला, “अगर मैं तुम्हारे बदले का रास्ता ढूंढूं, तो क्या तुम शांति से विश्राम करोगे?”
आकृति ने हां कहा और अर्जुन ने छानबीन शुरू की। उसे पता चला कि वह व्यक्ति एक बुरी साजिश का शिकार हुआ था। उसने सच्चाई का पता लगाया और हत्या करने वालों को पकड़वाया।
आत्मा की मुक्ति
जैसे ही वह दोषियों को पकड़वाने में सफल हुआ, भूतिया पेड़ के पास एक हलकी सी रोशनी हुई और आकृति का रूप धीरे-धीरे गायब हो गया। उसकी आत्मा शांति से मुक्त हो गई। पेड़ के नीचे की हवा अब ठंडी और शांति से भर गई थी।
गांव की शांति
अर्जुन ने गांव वालों को बताया कि अब वह भूतिया पेड़ शांत हो चुका है। लोग अब बिना डर के उस रास्ते से गुजरने लगे और पेड़ के पास एक मंदिर भी बनवाया गया, जहाँ लोग पूजा करने आते थे।
सीख
इस कहानी से यह सिखने को मिलता है कि भूत-प्रेत से डरने की बजाय हमें समझदारी से काम लेना चाहिए और किसी भी समस्या का हल शांति से ढूंढना चाहिए।
“हर समस्या का समाधान शांति और समझदारी में छिपा होता है।”