अलिफ लैला – पहले फकीर की कहानी / Aalif Laila – Pehla Fakeer Ki Kahani

अलिफ लैला –

पहला फकीर की कहानीअलिफ लैला की कहानियों में, पहला फकीर अपनी कहानी इस प्रकार सुनाता है:

मैं एक राजा का बेटा था और मेरा जीवन सुख-शांति से गुजर रहा था। लेकिन किस्मत ने मुझे ऐसा झटका दिया कि मेरी सारी खुशियाँ छिन गईं।

एक दिन मैंने अपनी बालकनी से देखा कि एक सुंदर स्त्री बगीचे में टहल रही थी। उसके सौंदर्य ने मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया। मैंने अपने सेवकों से उसके बारे में पता करने को कहा।

मुझे पता चला कि वह एक अन्य राजा की बेटी है। मैंने उससे विवाह करने की ठान ली। संदेश भेजा गया और मेरी इच्छा पूरी हो गई।

लेकिन मेरी किस्मत खराब थी। शादी के बाद, एक दिन मैंने उसे एक संदिग्ध कमरे में जाते हुए देखा। मैं चुपचाप उसके पीछे गया।

कमरे के अंदर मैंने देखा कि वह एक जादूगर के साथ बैठी थी।यह देखकर मेरा खून खौल गया। मैंने जादूगर को मारने का निर्णय लिया।

जैसे ही मैंने जादूगर पर हमला किया, उसने मुझ पर जादू कर दिया, और मैं एक बदसूरत फकीर बन गया। मेरा जीवन तबाह हो गया। मैं अपना राज्य, अपनी पहचान, सबकुछ खो बैठा।अब मैं दर-दर भटकता हूँ। जब भी किसी नेकदिल इंसान से मदद मिलती है, तो मुझे थोड़ी राहत मिलती है।

लेकिन मेरी किस्मत कब सुधरेगी, इसका मुझे कोई अंदाजा नहीं।

कहानी का संदेश:यह कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में कभी-कभी हमारे अच्छे समय को बुरी किस्मत छीन लेती है। लेकिन हमें धैर्य और साहस के साथ अपने जीवन को स्वीकार करना चाहिए।