Bagula Aur Kekda Ki Kahani / बगुला भगत और केकड़ा

बगुला भगत और केकड़ा की कहानी

एक गाँव में बगुला भगत नामक एक पंडित रहते थे। वे बहुत ही नेक और बुद्धिमान थे।

एक दिन, उन्होंने गाँव के केकड़ा नामक एक निकटवर्ती गांववासी को उनकी पंडिताई से परामर्श लेने बुलाया।केकड़ा ने बगुला भगत से कहा, “आप मुझे यह बताएं कि मेरे भाग्य में क्या है।

“बगुला भगत ने गंभीरता से कहा, “तुम्हारे भाग्य में एक बड़ी संपत्ति की योग्यता है, लेकिन तुम्हें उसे हासिल करने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी।”केकड़ा ने सोचा, “अब मेहनत करने का समय आ गया है।” उसने धैर्य और समर्पण से काम किया और अपने कठिन परिश्रम से एक समय आया जब उसे अपनी मेहनत का फल मिलने लगा।बगुला भगत ने उसकी मेहनत को देखकर उसे बधाई दी और कहा,

“तुमने अपने प्रयासों से यह सिद्ध कर दिया कि कोई भी अगर मेहनत करे तो उसका अपना भाग्य खुद बदल सकता है।”

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मेहनत और समर्पण से ही हम अपने भाग्य को बदल सकते हैं। जब हम संवेदनशीलता से और मेहनत से काम करते हैं, तो वास्तव में हमें सफलता मिलती है।