भूत नाशक बाबा की कहानीबहुत समय पहले की बात है, एक गांव में अजीब घटनाएँ होने लगीं। गांव के लोग कहते थे कि रात को जंगल के पास से अजीब-अजीब आवाजें आती हैं, और जो भी उस रास्ते से गुजरता, वो डर के मारे बेहोश हो जाता।
गांव के बुजुर्गों का मानना था कि जंगल में किसी भूत का साया है।लोग इतने डर गए कि उन्होंने रात को उस रास्ते पर जाना ही बंद कर दिया। आखिरकार, गांव के मुखिया ने एक उपाय ढूंढने का निश्चय किया।

उन्होंने पास के गांव में रहने वाले एक प्रसिद्ध बाबा को बुलवाया, जिन्हें लोग “भूत नाशक बाबा” कहते थे।भूत नाशक बाबा अपनी लंबी दाढ़ी, साधारण कपड़े और एक चमकते त्रिशूल के साथ गांव पहुंचे। बाबा ने गांव वालों से पूछा,”किसने भूत को देखा है?”सभी डर के मारे चुप थे, लेकिन एक बहादुर लड़के ने कहा,”मैंने जंगल के पास से अजीब आवाजें सुनी हैं, और एक बार एक परछाईं भी देखी थी।”
बाबा ने मुस्कुराते हुए कहा,”भूत हो या ना हो, डर का इलाज करना जरूरी है।”उस रात बाबा ने अकेले ही जंगल की ओर जाने का फैसला किया। त्रिशूल और एक मशाल लेकर वे अंधेरे जंगल में गए। गांव वाले दूर से देख रहे थे। अचानक जंगल से तेज आवाजें आईं, जैसे कोई चिल्ला रहा हो। फिर एक चमकदार रोशनी दिखी।कुछ देर बाद बाबा वापस लौटे।
उनके चेहरे पर शांति थी। उन्होंने कहा,”डरो मत, अब जंगल में कोई भूत नहीं है।”गांव वालों ने राहत की सांस ली, लेकिन उनमें से एक ने पूछा,”बाबा, भूत था या नहीं?”बाबा ने हंसते हुए जवाब दिया,”भूत से ज्यादा खतरनाक हमारा डर होता है।
इस जंगल में कुछ पुराने पक्षियों और जानवरों की आवाजें थीं, जो तुम सबको भूत लग रही थीं।”इसके बाद गांव के लोग बाबा के इस ज्ञान और साहस की तारीफ करने लगे। उन्होंने बाबा को बहुत आदर के साथ विदा किया।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि डर अक्सर हमारी कल्पना का परिणाम होता है। अगर हम उसे समझदारी और साहस के साथ संभालें, तो हर समस्या का समाधान मिल सकता है।