भूत की कहानी : भूतनी का घर | Bhootni ka Ghar Story In Hindi

भूत की कहानी: भूतनी का घर

एक छोटे से गाँव के किनारे एक पुराना, खंडहर जैसा घर था, जिसे लोग “भूतनी का घर” कहते थे। उस घर के बारे में कई डरावनी कहानियाँ प्रचलित थीं। कोई कहता कि वहाँ एक औरत की आत्मा भटकती है, तो कोई कहता कि वहाँ से रात के समय चीखने की आवाजें आती हैं।

कहानी के मुताबिक, उस घर में सालों पहले एक औरत, जिसका नाम पार्वती था, अपने पति के साथ रहती थी। पार्वती अपने पति के साथ बहुत खुश थी, लेकिन उसकी खुशहाल जिंदगी ज्यादा दिन तक नहीं चली। उसके पति की अचानक मौत हो गई, और वह अकेली रह गई। गाँव के लोग कहते हैं कि पार्वती को उसके पति के परिवार वालों ने जायदाद के लिए मार डाला और उसकी मौत को एक हादसे के रूप में दिखा दिया।

पार्वती की आत्मा को इंसाफ नहीं मिला, और तभी से वह घर वीरान हो गया। जो भी उस घर में रहने की कोशिश करता, वह डर के मारे भाग जाता। लोग कहते थे कि रात में घर के अंदर सफेद साड़ी पहने एक औरत की परछाई दिखाई देती थी, जो रोती हुई किसी को पुकारती थी।

सालों बाद, एक युवक, जिसका नाम राजीव था, गाँव में आया। राजीव को इन भूत-प्रेत की कहानियों पर यकीन नहीं था। जब उसने “भूतनी के घर” की कहानी सुनी, तो उसने तय किया कि वह वहाँ जाकर सच का पता लगाएगा।

रात के समय, राजीव उस घर में पहुँचा। घर के अंदर घुसते ही उसे अजीब-सी ठंडक महसूस हुई। हर तरफ सन्नाटा था। जैसे ही उसने एक कमरे का दरवाजा खोला, उसे एक औरत की परछाई दिखाई दी। वह सफेद साड़ी पहने हुए थी और उसके चेहरे पर गहरी उदासी थी।

राजीव ने डर के बजाय साहस दिखाया और उससे पूछा, “तुम कौन हो, और क्यों यहाँ हो?”

आत्मा ने रोते हुए कहा, “मेरा नाम पार्वती है। मुझे मेरे ही परिवार वालों ने मारा। मेरी आत्मा तब तक शांति नहीं पा सकती, जब तक मुझे न्याय नहीं मिलता।”

राजीव ने यह बात गाँव वालों को बताई। पहले तो लोग डर गए, लेकिन बाद में उन्होंने सच्चाई जानने की कोशिश की। गाँव के बुजुर्गों और पुराने दस्तावेजों की मदद से यह पता चला कि पार्वती के साथ वास्तव में अन्याय हुआ था। जब सच्चाई सामने आई, तो दोषी परिवार को उनके पापों का दंड मिला।

इसके बाद, गाँव के पुजारियों ने उस घर में विशेष पूजा की। पार्वती की आत्मा को प्रार्थनाओं और मंत्रों के जरिए मुक्ति दी गई।

उस घटना के बाद, “भूतनी का घर” फिर से शांत हो गया। गाँव वालों ने उस घर को साफ करके उसे एक स्मारक के रूप में बदल दिया। आज, वह घर पार्वती के साहस और न्याय के प्रतीक के रूप में खड़ा है। लोग अब वहाँ डरने नहीं, बल्कि प्रेरणा लेने आते हैं।

भूतनी की कहानी सिखाती है कि सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता और न्याय किसी न किसी रूप में जरूर मिलता है।