Birbal Ne Chor Pakda | “बीरबल की चतुराई: चोर की पकड़ताल” | अकबर-बीरबल की कहानियां

Birbal Ne Chor Pakda | “बीरबल की चतुराई: चोर की पकड़ताल” | अकबर-बीरबल की कहानियां

बिरबल ने चोर पकड़ापुराने समय की बात है,

अकबर के दरबार में बिरबल एक विशेष स्थान रखते थे। वह अकबर के सबसे प्रिय मंत्री और खास सलाहकार थे। उनकी बुद्धिमता और हास्यिकता से अकबर बहुत प्रसन्न रहते थे।एक दिन, दरबार में अकबर ने एक मनोरंजन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में बहुत सारे लोग आए थे, जिनमें से एक व्यक्ति का बहुत सारा सोना चोरी हो गया। यह सुनकर अकबर को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने बिरबल से चोर को पकड़ने का काम दिया।बिरबल ने खुद को काम में जुटाया और उसने एक योजना बनाई।

Birbal Ne Chor Pakda | “बीरबल की चतुराई: चोर की पकड़ताल” | अकबर-बीरबल की कहानियां

वह सोचा कि वह एक बड़े से तालाब के पास एक टेंट लगाएंगे और उसमें सो जाएंगे। उन्होंने टेंट के बाहर सोने के सिक्के रखे और खुद अंदर सो गए।जब रात के अंधेरे में चोर आया, तो उसने टेंट के बाहर सोने के सिक्के देखे। वह बहुत खुश हुआ और सोने के सिक्कों को अपने बगीचे में ले गया। जैसे ही वह सिक्के उठाने लगा, बिरबल ने अपने टेंट से बाहर निकलकर चोर को पकड़ लिया।चोर को पकड़कर बिरबल ने उससे पूछा, “तुम्हारा यह चोरी करने का प्रयास कैसे सफल हो सकता था?”चोर ने हार मानते हुए कहा, “मुझे लगा कि आप सो रहे हैं, इसलिए मैंने यह साहस किया।”

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बिरबल ने उसे चोट पहुंचाते हुए कहा, “जितना अच्छा कर सकते थे, वही किया। लेकिन ध्यान रहे, अगली बार किसी के घर में चोरी करने से पहले, आपको यह सोचना चाहिए कि वह आपके स्थान पर क्या करेगा।”इसके बाद, चोर को सजा दी गई और सोने के सिक्के वापस किए गए।

इस घटना के बाद, लोगों ने बिरबल की बुद्धिमता की सराहना की और उन्हें दरबार में और भी अधिक मान दिया।