एक बार की बात है, एक जंगल में एक चालाक लोमड़ी रहती थी। लोमड़ी बहुत ही बुद्धिमान थी और वह हमेशा किसी न किसी तरह से अपना पेट भर लेती थी।
एक दिन, लोमड़ी जंगल में घूम रही थी कि उसे एक ऊंचे पेड़ पर एक कौवा बैठा दिखाई दिया।
कौवे के चोंच में एक बहुत बड़ा और स्वादिष्ट लगने वाला चीज़ का टुकड़ा था।
लोमड़ी को चीज़ का टुकड़ा देखकर बहुत लालच आ गई और उसने सोचा कि कैसे भी करके वह चीज़ का टुकड़ा प्राप्त कर ले।
लोमड़ी कौवे के पास गई और उससे बहुत ही मीठी-मीठी बातें करने लगी।
उसने कौवे की बहुत प्रशंसा की और कहा कि वह दुनिया का सबसे सुंदर और सबसे बुद्धिमान कौवा है।
कौवा लोमड़ी की बातों में आ गया और उसने घमंड से अपने सीने पर तान लिया। तभी लोमड़ी ने कौवे से कहा कि वह इतना सुंदर गाना गाता है कि उसे सुनकर सारा जंगल मंत्रमुग्ध हो जाता है।
लोमड़ी ने कौवे को इतना उकसाया कि कौवा गाने लगा।
कौवा गाते ही उसके चोंच से चीज़ का टुकड़ा छूट गया और वह सीधे जमीन पर गिर गया।
लोमड़ी ने चीज़ का टुकड़ा उठा लिया और तेज़ी से भाग गई। कौवा बहुत देर तक लोमड़ी के पीछे दौड़ा लेकिन वह उसे पकड़ नहीं सका।
अंत में कौवा को बहुत निराशा हुई
और उसने सीख ली कि किसी की भी बातों में बिना सोचे-समझे नहीं आना चाहिए।