घमंडी हाथी और चींटी की कहानी
एक समय की बात है, एक जंगल में एक विशाल और घमंडी हाथी रहता था। वह हमेशा अपने आकार और ताकत पर घमंड करता और छोटे जानवरों को तंग करता था। हाथी का स्वभाव ऐसा था कि वह अपने से छोटे जीवों का मजाक उड़ाता और उन्हें बेइज्जत करता।
एक दिन, हाथी पानी पीने के लिए नदी की ओर जा रहा था। रास्ते में उसने एक चींटी के घर को अपने भारी पैर से कुचल दिया। चींटी ने रोते हुए कहा, “हाथी भैया, आप इतने बड़े हैं, फिर भी आप हमारे छोटे से घर को क्यों बर्बाद कर रहे हैं?”हाथी ने हंसते हुए कहा, “तुम्हारी इतनी हिम्मत कि मुझसे सवाल करो? तुम तो इतनी छोटी हो कि मैं तुम्हें देख भी नहीं सकता।”चींटी ने गुस्से में कहा, “तुम्हारा घमंड जल्द ही टूटेगा।”अगले दिन चींटी ने अपनी योजना बनाई। जैसे ही हाथी सोने गया, चींटी उसके कान में घुस गई और जोर-जोर से काटने लगी।
हाथी दर्द से तड़प उठा और इधर-उधर दौड़ने लगा। वह चींटी को अपने कान से निकालने की कोशिश करता रहा, लेकिन वह नाकाम रहा।चींटी ने कहा, “अब समझे, कि छोटे होने का मतलब कमजोर होना नहीं है। अपने घमंड को छोड़ दो और सभी के साथ समान व्यवहार करना सीखो।”हाथी ने अपनी गलती मानी और चींटी से माफी मांगी। उसने वादा किया कि वह अब कभी किसी को तंग नहीं करेगा।
शिक्षा:इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि घमंड करने से कुछ हासिल नहीं होता। हर किसी का सम्मान करना चाहिए, चाहे वह बड़ा हो या छोटा।