मूर्ख कौआ और चालाक लोमड़ी की कहानी | Kauwa Aur Lomdi Ki Kahani

मूर्ख कौआ और चालाक लोमड़ी की कहानी

एक घने जंगल में एक बड़ा पेड़ था, जिस पर एक कौआ रहता था। एक दिन, कौए को किसी इंसान के हाथ से रोटी का टुकड़ा मिल गया।

वह रोटी का टुकड़ा लेकर खुशी-खुशी पेड़ की एक ऊंची डाल पर बैठ गया और उसे खाने की तैयारी करने लगा।उसी समय, एक चालाक लोमड़ी उधर से गुजरी। उसने कौए की चोंच में रोटी देखी और सोचा, “यह रोटी मेरे हाथ कैसे आए?” लोमड़ी ने अपनी चालाकी से कौए को बेवकूफ बनाने की योजना बनाई।

लोमड़ी ने कौए से मीठे शब्दों में कहा, “ओ कौए भाई, आपकी आवाज कितनी मधुर है। मैंने सुना है कि आप बहुत अच्छा गाते हैं।

क्या आप मेरे लिए एक गीत गा सकते हैं?”कौआ लोमड़ी की बातों में आ गया। उसने अपनी चोंच खोली और कांव-कांव करने लगा।

जैसे ही उसने चोंच खोली, रोटी का टुकड़ा नीचे गिर गया। लोमड़ी ने तुरंत रोटी उठाई और वहां से भाग गई।

कौआ अपनी मूर्खता पर पछताता रह गया और उसने सोचा, “अगर मैं लोमड़ी की बातों में न आता, तो रोटी मेरे पास ही रहती।”

शिक्षा:

चापलूसों की बातों में नहीं आना चाहिए और अपनी समझदारी से काम लेना चाहिए।