कौवा और उल्लू की कहानी
एक बार की बात है, एक घने जंगल में एक कौवा और एक उल्लू रहते थे। दोनों अलग-अलग स्वभाव के थे। कौवा दिन में उड़ता और भोजन खोजता, जबकि उल्लू रात में जागता और शिकार करता था।कौवा बहुत चालाक और घमंडी था। उसे लगता था कि वह सबसे बुद्धिमान पक्षी है। वहीं, उल्लू शांत और समझदार था।
एक दिन कौवे ने उल्लू का मजाक उड़ाते हुए कहा, “तुम दिन में कुछ देख ही नहीं सकते, हमेशा अंधेरे में रहते हो। क्या फायदा ऐसी आँखों का?”उल्लू मुस्कुराया और बोला, “समय के साथ सबका महत्व पता चलता है, सही समय आने दो।”कुछ समय बाद, जंगल में राजा के दरबार में एक प्रतियोगिता हुई—”सबसे बुद्धिमान पक्षी कौन?” राजा ने कठिन पहेलियाँ पूछीं।
कौवा जल्दी-जल्दी उत्तर देता, लेकिन सभी गलत। जब उल्लू की बारी आई, उसने धैर्य से सोचकर सभी पहेलियों के सही उत्तर दिए।
राजा बहुत खुश हुआ और उल्लू को “सबसे बुद्धिमान पक्षी” घोषित कर दिया। कौवा शर्मिंदा होकर वहां से उड़ गया।
शिक्षा:बुद्धिमानी केवल चालाकी में नहीं, बल्कि धैर्य और समझदारी में होती है।