लालची बिल्ली और बंदर की कहानी
एक घने जंगल में एक लालची बिल्ली रहती थी। वह खाने के लिए हमेशा दूसरों की मेहनत का सहारा लेती थी। एक दिन उसने एक बंदर को देखा, जो पेड़ से पेड़ पर झूलते हुए पके हुए फलों का आनंद ले रहा था।बिल्ली ने सोचा, “अगर मैं इसे किसी तरह बेवकूफ बना दूं, तो ये फल मेरे हो सकते हैं।” उसने चालाकी से कहा, “अरे बंदर भाई! तुम इतने मीठे फल खा रहे हो, लेकिन मैंने सुना है कि यहां पास में एक ऐसा पेड़ है, जिसके फल इनसे भी मीठे और बड़े होते हैं।
अगर तुम चाहो, तो मैं तुम्हें उस पेड़ का रास्ता दिखा सकती हूं।”बंदर को बिल्ली की बातों पर यकीन हो गया और वह उसके साथ चल पड़ा। बिल्ली उसे एक बड़े पेड़ के पास ले गई और कहा, “ये लो, इस पेड़ के ऊपर सबसे मीठे फल हैं।”जैसे ही बंदर पेड़ पर चढ़ने लगा, बिल्ली ने नीचे से उसकी पोटली से फल उठाकर खाने शुरू कर दिए। जब बंदर ने यह देखा, तो वह समझ गया कि बिल्ली ने उसे धोखा दिया है।
उसने तुरंत पेड़ से एक मोटी टहनी तोड़ी और नीचे कूदकर बिल्ली को भगा दिया।
कहानी से सीख:लालच का नतीजा हमेशा बुरा होता है। दूसरों को धोखा देकर अपनी इच्छाएं पूरी करना अंत में नुकसान ही पहुंचाता है।