नन्ही लाल चुन्नी की कहानी | Little Red Riding Hood Story In Hindi

लिटिल रेड राइडिंग हूड की कहानी – “छोटी लाल टोपी”

एक समय की बात है, एक छोटी लड़की थी जिसे सभी प्यार से लिटिल रेड राइडिंग हूड (छोटी लाल टोपी) कहते थे, क्योंकि वह हमेशा लाल रंग की टोपी पहनती थी।दादी से मिलने का सफरएक दिन उसकी माँ ने उसे एक टोकरी में केक और फल दिए और कहा,”बेटी, ये टोकरी अपनी दादी के पास ले जाओ।

लेकिन रास्ते में किसी से बात मत करना और सावधानी से जाना।”लाल टोपी खुशी-खुशी जंगल की पगडंडी पर चलने लगी। रास्ते में उसकी मुलाकात एक चालाक भेड़िये से हुई।

भेड़िए की चालाकी

भेड़िये ने मीठी आवाज में पूछा,”प्यारी बच्ची, कहां जा रही हो?”लाल टोपी ने मासूमियत से जवाब दिया,”मैं अपनी दादी के घर जा रही हूँ, जो जंगल के उस पार रहती हैं।”भेड़िया यह सुनकर बहुत खुश हुआ क्योंकि वह दादी को और इस नन्ही बच्ची को खाने की योजना बनाने लगा।भेड़िया पहले पहुंच गयाभेड़िए ने चालाकी से कहा,”तुम फूल क्यों नहीं तोड़ती?

तुम्हारी दादी को बहुत पसंद आएंगे।”लाल टोपी फूल तोड़ने में लग गई, और इधर भेड़िया दौड़कर दादी के घर पहुंच गया। वहाँ उसने दरवाजा खटखटाया।दादी ने दरवाजा खोला तो भेड़िए ने उन पर झपट्टा मारकर उन्हें निगल लिया और उनकी जगह कपड़े पहनकर बिस्तर में लेट गया।

लाल टोपी का आगमन

कुछ देर बाद, लाल टोपी वहाँ पहुंची। उसने देखा कि दादी कुछ अजीब लग रही थीं।लाल टोपी ने पूछा,”दादी, आपके कान इतने बड़े क्यों हैं?”भेड़िया बोला, “ताकि मैं तुम्हारी बातें अच्छे से सुन सकूं।””दादी, आपकी आँखें इतनी बड़ी क्यों हैं?””ताकि मैं तुम्हें अच्छे से देख सकूं।””दादी, आपके दाँत इतने बड़े क्यों हैं?””ताकि मैं तुम्हें खा सकूं!” कहते ही भेड़िया लाल टोपी पर झपट पड़ा।

बहादुर शिकारी की मदद

लाल टोपी जोर-जोर से चिल्लाने लगी। तभी एक शिकारी उधर से गुजरा और आवाज सुनकर अंदर आया। उसने भेड़िए को मारकर दादी को उसके पेट से बाहर निकाल लिया।

सीख

लाल टोपी ने समझ लिया कि उसे किसी अजनबी से बात नहीं करनी चाहिए और हमेशा माँ की बात माननी चाहिए।उस दिन के बाद, लाल टोपी और उसकी दादी खुशी-खुशी रहने लगे।