Lomdi aur Billi ki kahani | लोमड़ी और बिल्ली की कहानी

एक समय की बात है, एक जंगल में एक लोमड़ी और एक बिल्ली रहते थे। लोमड़ी बहुत ही चालाक और धूर्त थी, जबकि बिल्ली बहुत ही चतुर थी।

एक दिन, लोमड़ी और बिल्ली जंगल में घूम रहे थे कि उन्हें कुछ शिकारी कुत्ते दिखे। कुत्ते उन्हें देखकर उनके पीछे दौड़ पड़े।लोमड़ी घबरा गई और उसने सोचा कि वह कैसे बच सकती है। उसने बिल्ली से कहा, “हे बिल्ली, तुम तो पेड़ पर चढ़ना जानती हो।

तुम जल्दी से किसी पेड़ पर चढ़ जाओ और बच जाओ।”बिल्ली ने कहा, “तुम भी मेरे साथ चढ़ जाओ। एक साथ हम दोनों बच सकते हैं।”लोमड़ी ने कहा, “नहीं, मैं पेड़ पर चढ़ना नहीं जानती। मैं किसी और तरीके से बचने की कोशिश करूंगी।”

और फिर लोमड़ी ने कई तरह की तरकीबें आजमाईं। वह कांटेदार झाड़ियों में छिपने लगी, घनी झाड़ियों में दौड़ने लगी, और यहां तक कि एक बिल्ली के बिल में भी घुस गई। लेकिन कुत्ते उसे हर जगह ढूंढ ही लेते थे।आखिर में, लोमड़ी थक गई और बोली, “हे बिल्ली, मैं तुम्हारी मदद के बिना बच नहीं सकती। तुम मुझे पेड़ पर चढ़ने में मदद करो।”बिल्ली ने कहा, “ठीक है, मैं तुम्हें मदद करूंगी।”और फिर बिल्ली ने लोमड़ी को अपने पंजों से पकड़ लिया और उसे पेड़ पर चढ़ा दिया।

लोमड़ी ने पेड़ पर चढ़कर जान बचाई।कुत्ते लोमड़ी को नहीं पा सके और वापस चले गए।बिल्ली ने लोमड़ी से कहा, “मैंने तुमसे कहा था कि एक ही उपाय सबसे अच्छा होता है। तुम अगर मेरे साथ पेड़ पर चढ़ जाती तो तुम बच जाती।”लोमड़ी ने कहा, “तुम ठीक कहती हो।

मैं अगली बार तुम्हारी बात मानूंगी।”और फिर दोनों दोस्त खुशी-खुशी जंगल में घूमने लगे।

कि किसी भी मुश्किल से बचने के लिए एक ही उपाय सबसे अच्छा होता है। अगर हम कई तरह की तरकीबें आजमाते हैं तो हम मुश्किल में फंस सकते हैं।