Moral Stories in Hindi – डरपोक पत्थर

Moral Stories in Hindi – डरपोक पत्थर

एक बार की बात है, एक गांव में एक डरपोक पत्थर रहता था। वह हमेशा डर से भरा हुआ रहता था और किसी से भी बातचीत नहीं करता था। उसके यहां आने वाले लोग उसे चिढ़ाते थे और उसे मजाक बनाते थे। डरपोक पत्थर को यह सब बहुत दुखी करता था, लेकिन उसमें खुद को बदलने का हौसला नहीं था।

एक दिन, गांव में एक छोटे से बच्चे ने डरपोक पत्थर को देखा और उससे पूछा, “आप इतने डरपोक क्यों हो? अपने आप को बदलिए और हिम्मत दिखाइए।” लेकिन पत्थर ने उसकी बातों को नजरअंदाज कर दिया।

Moral Stories in Hindi – डरपोक पत्थर

बच्चे ने उसे और प्रेरित करने के लिए कहा, “आप जब आपसे बड़े पत्थरों से बात कर सकते हो, तो छोटे से बच्चे से क्यों नहीं?” ये बात पत्थर के दिल को छू गई।

धीरे-धीरे, वह छोटे से बच्चे से दोस्ती करने लगा और उसका डर कम होने लगा। बच्चे ने उसे आगे बढ़ाने के लिए कहा, “आप गांव के आस-पास घूमकर देखिए, आपको आनंद आएगा।” तभी डरपोक पत्थर ने अपने डर को हराने का निर्णय किया।

Moral Stories in Hindi – डरपोक पत्थर

उसने गांव के चारों ओर घूमना शुरू किया और जीवन का नया रंग देखा। वह खुशी से भरा हुआ रहने लगा। जब उसे देखा गया कि वह डरपोक पत्थर अब हिम्मत दिखा रहा है, तो गांव के लोग भी उसके साथ मिलकर दोस्ती करने लगे।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपने डरों का सामना करना चाहिए और उनसे परास्त करना चाहिए। जीवन में नए अनुभवों को अपनाने से हमें सफलता मिलती है और हम अपने आप में सकारात्मक बदलाव देखते हैं।