Moral Stories| Moral Story In Hindi| Short Story With moral Moral Stories| short story with moral for kids| दो मित्र और भालू की कहानी | Story Of Two Friends And A Bear In Hindi Moral Stories| Moral Story In Hindi| Short Story With moral Moral Stories| short story with moral for kids|

दोस्तों, इस कहानी में हम आपको दो मित्र और भालू की कहानी (Story Of Two Friends And A Bear In Hindi) शेयर कर रहे हैं . Do Dost Aur Bhalu Ki Kahani यह कहानी हमें दोस्ती के संबंध में सीख देती है. आइए पढ़ते हैं. Bear And Two Friends Story In Hindi : 

Story Of Two Friends And A Bear In Hindi 

दो मित्र एक घने जंगल से गुजर रहे थे. तब उन्होंने देखा कि एक भालू उनकी तरफ आ रहा है. तो उनमें से एक दोस्त तुरंत ही पेड़ पर चढ़ गया और वह छुप गया. लेकिन दूसरा दोस्त कुछ समझ नहीं पा रहा था कि वह क्या करें.

वह अच्छा ऐसा खड़ा रह गया. तभी उसे अपनी पाठशाला का एक सबक याद आया की भालू मरे हुए आदमी का शिकार नहीं करता है. मैं बिल्कुल एक मृत आदमी की भांति धरती पर सांस रोक कर लेट गया.
भालू उसके पास आया और उसे शुरू कर चला गया. थोड़ी देर बाद उसका मित्र पेड़ से नीचे आया और उसने उससे पूछा,

मित्र, भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा, उसने उस को उत्तर दिया कि भालू ने मेरे कान में कहा था संकट की घड़ी में जो भाग जाए वह अच्छा मित्र नहीं होता|
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दो दोस्त एक घने जंगल से होकर कहीं जा रहे थे. उन दोनों में काफी गहरी दोस्ती थी और अपनी दोस्ती को लेकर दोनों ही बातें करते हुए जंगल में जा रहे थे. जंगल बहुत घना और भयानक था, तभी उसमें से एक दोस्त को डर लगा, लेकिन उसने मित्र साथी से कहा कि मेरे होते हुए तुम्हें डरने की कोई जरूरत नहीं मैं तुम्हारा सच्चा और अच्छा दोस्त हूं. इतने में ही अचानक सामने से एक भालू वहां आ गया. जो दोस्त सच्चाई की बात कर रहा था वह दोस्त भालू को देखकर एकदम खड़ा हुआ. और उसका दूसरा दोस्त उसे आवाज देता रहा बोला दोस्त मुझे छोड़कर मत जाओ. लेकिन वह भागते हुए एक पेड़ से झड़ गया.

उसका दोस्त और भी ज्यादा डर गया. क्योंकि वह पेड़ पर चढ़ना नहीं जानता था. अब क्या था की भालू उस दोस्त के और भी पास आ गया जब वह भालू उस दोस्त के नजदीक पहुंचने वाला था. कि उसके पास कोई चारा नहीं था खुद को बचाने के लिए उसने सोचा आंखें बंद करके मैं जमीन पर लेट जाता हूं. पेड़ पर चढ़ा हुआ उसका दोस्त यह सब चीजें ऊपर से देख रहा था. इतने में वह भालू उसके पास आया और उसके पास करीब जाकर उसको देखने लगा. उसको शोभा और उसे लगा कि यह मरा हुआ है इसलिए वह उसके पास से आगे चला गया. जमीन पर लेटे हुए मित्र को थोड़ी राहत मिली और सोचने लगा अच्छा हुआ जो मैंने अपनी सांस रोक रखी थी, क्योंकि भालू कभी भी मुर्दे को नहीं खाते और वे मुझे मरा हुआ समझकर छोड़ गया.

पेड़ पर चढ़ा हुआ मित्र यह देखकर हैरान था, भालू के जाने के बाद भी पेड़ से नीचे उतरा और उसने अपने दोस्त से पूछा कि आखिर उसने क्या किया था और वह भालू उसके कान में क्या बोल रहा था. मुर्दे होने का नाटक कर रहे मित्र ने उससे कहा की भालू ने मेरे कान में कहा कि बुरे वक्त में ही सही दोस्तों की पहचान होती है. इसलिए कभी भी ऐसे दोस्तों के साथ मत रहो, जो बुरा समय देखकर तुम्हें अकेला छोड़ कर भाग जाएं और जो वक्त पर काम ही ना आए ऐसे दोस्तों से दोस्ती भी क्यों बढ़ाएं.

सीख -सच्चा दोस्त वही होता है जो बुरे से बुरे वक्त में भी अपने दोस्तों का साथ नहीं छोड़ता और मुसीबत के समय दोस्तों की मदद करता है|