मुल्ला नसरुद्दीन और खुशबू की कीमत एक प्रसिद्ध हास्य कहानी है, जिसमें मुल्ला नसरुद्दीन की बुद्धिमत्ता और चतुराई को दिखाया गया है। यह कहानी इस प्रकार है:—
मुल्ला नसरुद्दीन और खुशबू की कीमतएक बार मुल्ला नसरुद्दीन के पड़ोस में एक गरीब व्यक्ति रहता था। वह इतना गरीब था कि उसके पास खाने के लिए भी पर्याप्त पैसे नहीं थे।
उसकी झोपड़ी के पास एक अमीर आदमी का रसोईघर था, जहाँ से हमेशा स्वादिष्ट पकवानों की खुशबू आती रहती थी।गरीब आदमी जब भी भूखा होता, वह उस अमीर आदमी के रसोईघर के पास जाकर खुशबू सूंघकर अपना पेट भरने का अहसास करता।
एक दिन अमीर आदमी ने गरीब आदमी को खुशबू सूंघते हुए देख लिया। उसने गुस्से में आकर कहा, “तुम मेरी रसोई से खुशबू चुराते हो। तुम्हें इसके बदले कीमत चुकानी होगी।”बेचारा गरीब आदमी डर गया और मदद मांगने मुल्ला नसरुद्दीन के पास गया।मुल्ला नसरुद्दीन ने कहा, “चिंता मत करो। मैं तुम्हारे साथ चलूंगा।”अगले दिन मुल्ला नसरुद्दीन ने गरीब आदमी को साथ लिया और अमीर आदमी के पास पहुंचे।
मुल्ला ने अमीर आदमी से पूछा, “तुम्हें किस बात का मुआवजा चाहिए?”अमीर आदमी ने कहा, “इसने मेरी रसोई की खुशबू का आनंद लिया है। इसके लिए मुझे पैसे चाहिए।”मुल्ला नसरुद्दीन ने अपनी जेब से कुछ सिक्के निकाले और उन्हें आपस में खनकाया। फिर उन्होंने अमीर आदमी से कहा, “लो, तुम्हें खुशबू के बदले सिक्कों की खनक का आनंद मिला।
अब तुम संतुष्ट हो जाओ।”अमीर आदमी को यह सुनकर शर्मिंदगी महसूस हुई और वह चुपचाप वहां से चला गया।—
नैतिक शिक्षा:यह कहानी हमें सिखाती है कि लालच और अनावश्यक चीजों की मांग सही नहीं है। साथ ही, यह दिखाती है कि बुद्धिमानी से हर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।