मुल्ला नसरुद्दीन की दावत
एक दिन मुल्ला नसरुद्दीन ने अपने दोस्तों को अपने घर दावत पर बुलाया। सभी दोस्त बड़े उत्साहित होकर पहुंचे। मुल्ला नसरुद्दीन ने सबको बड़े प्यार से बैठाया और कहा, “आप लोग आराम से बैठें, मैं खाना लाने जा रहा हूं।”
मुल्ला किचन में गया, लेकिन काफी देर तक वापस नहीं आया। दोस्तों को लगा कि मुल्ला शायद कुछ खास व्यंजन बना रहा है। लेकिन जब काफी समय बीत गया और मुल्ला अब भी नहीं लौटा, तो दोस्तों में से एक ने उठकर झांककर देखा।
अंदर जाकर उन्होंने देखा कि मुल्ला आराम से खाना खा रहा था।दोस्त ने हैरानी से पूछा, “मुल्ला, हम लोग भूखे बैठे हैं और तुम यहां अकेले खा रहे हो!”मुल्ला ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैंने सोचा, मैं यह देख लूं कि खाना ठीक बना है या नहीं।
जब मुझे तसल्ली हो गई कि खाना अच्छा है, तो मैंने खुद ही खा लिया ताकि आप लोगों को कोई परेशानी न हो!”
यह सुनकर सभी दोस्त ठहाका मारकर हंस पड़े। मुल्ला की चालाकी और मजाक करने का तरीका सभी को भा गया।
शिक्षा:मुल्ला नसरुद्दीन की कहानियां हमें जीवन में हल्कापन और हंसी के महत्व को सिखाती हैं। कभी-कभी छोटी-छोटी बातों में भी खुशी ढूंढ लेनी चाहिए।