मुल्ला नसरुद्दीन की कहानियां हमेशा हास्य और व्यंग्य से भरपूर होती हैं।
“मुल्ला नसरुद्दीन की दो बीवियां” एक ऐसी ही कहानी है, जिसमें उनकी बुद्धिमानी और चतुराई झलकती है।कहानी का सार:मुल्ला नसरुद्दीन की दो पत्नियां थीं। दोनों ही अपनी खूबसूरती और मुल्ला की नजरों में अपनी महत्ता को लेकर प्रतिस्पर्धा करती थीं।
एक दिन, दोनों ने मुल्ला से पूछा,”मुल्ला, बताओ, तुम हम दोनों में से किससे ज्यादा प्यार करते हो?”मुल्ला ने स्थिति को संभालते हुए कहा,”तुम दोनों मेरे लिए समान हो और मैं तुम दोनों से बराबर प्यार करता हूं।”लेकिन दोनों पत्नियां इससे संतुष्ट नहीं हुईं।
उन्होंने जिद पकड़ ली कि मुल्ला को सच बताना होगा। मुल्ला ने सोचा कि इस सवाल का जवाब देना मुश्किल है, लेकिन अपनी चतुराई से उन्होंने एक तरकीब निकाली।उन्होंने कहा,”ठीक है, मैं यह सवाल तब तक टाल रहा हूं। लेकिन जवाब देने के लिए मैं सोच-विचार कर सही समय पर बताऊंगा।”
अगले कुछ दिनों तक मुल्ला ने अपनी चतुराई से दोनों को खुश रखा और कभी भी सीधा जवाब नहीं दिया। इस तरह, उन्होंने अपनी चतुराई से समस्या का हल निकाला और दोनों पत्नियों को संतुष्ट रखा।
सीख:मुल्ला नसरुद्दीन की कहानियों से हमें यह सीख मिलती है कि बुद्धिमानी और चतुराई से कठिन परिस्थितियों को हल किया जा सकता है।