नकली तोते की कहानी | Nakli Tota Ki Kahani

नकली तोता की कहानी

एक समय की बात है, एक व्यापारी था जो दूर-दूर से सामान लाकर बेचता था। एक बार वह जंगल से एक सुंदर हरे रंग का तोता पकड़कर लाया। वह तोता बहुत होशियार था और इंसानों की तरह बातें करता था। व्यापारी ने उसे एक सुंदर सोने के पिंजरे में रखा और उसका खूब ध्यान रखा।धीरे-धीरे तोते की बातें सुनकर व्यापारी के सारे ग्राहक और दोस्त बहुत प्रभावित हुए।

वे सभी उसकी बुद्धिमानी की तारीफ करते। यह देखकर व्यापारी के मन में लालच आ गया। उसने सोचा, “अगर मैं और ऐसे तोते बेचूं तो बहुत पैसा कमा सकता हूँ!”यही सोचकर उसने बाज़ार से कुछ नकली तोते खरीदे और उन्हें असली तोते की तरह बोलने की ट्रेनिंग देने की कोशिश करने लगा। लेकिन नकली तोते न तो बोल सकते थे, न ही समझदार थे।

फिर भी व्यापारी ने उन्हें असली बताकर ऊँचे दामों में बेचना शुरू कर दिया।कुछ समय तक तो लोगों को धोखा हुआ, लेकिन जल्द ही सबको पता चल गया कि वे नकली थे। नाराज़ होकर लोगों ने व्यापारी का विश्वास करना बंद कर दिया और उसकी दुकान पर आना बंद कर दिया।

कहानी से सीख:लालच और धोखेबाजी से कभी भी सफलता नहीं मिलती। सच्चाई की हमेशा जीत होती है।