Phisalapatti || फिसल पट्टी

आओ हम सब मिलकर साथ में चलते हैं एक पार्क में पता है| बच्चों पार्क में मुझे सबसे ज्यादा क्या पसंद है | मैं बताती हूं, मुझे सबसे ज्यादा वहां पर फिसल पट्टी पसंद है | वह पता है कैसी होती है एक तरफ से उस पर चढ़ना होता है | और दूसरी तरफ से फिसल ना होता है | उसको फिसल पट्टी कहते हैं | और बहुत मजे आते हैं | फिसल पट्टी और फिर हम उसके बाद दौड़कर चढ़ी पर जाते हैं | और चढ़ने के बाद फिर चलते हैं | वाह वाह कितने मजे की बात है वाह वाह…………………………………..

अगर तुम्हारा मन ना करें कि चलने का उसके ऊपर बने चोको स्थान पर बैठ जाओ और चारों तरफ मस्ती भरी निगाहों से देखो | कि आसपास कैसा दिख रहा है|

दोस्तों जब मैं सीढ़ी चढ़ते चढ़ते थक जाती हूं | तो मैं वहां जाकर बार-बार बैठ जाती हूं ,वहां बैठ कर मुझे बहुत अच्छा लगता है | वहां से मुझे पूरा पाठ साफ दिखाई देता है | यहां बैठकर मेरा मन करता है, गाना गाने का तो मैं गाना गुनगुनाने लगती हूं | कविता सुनाने का तो मैं कविता सुनाती हूं, और अपनी आंखों से पूरे पार्ट को देखती रहती हूं | और हां दोस्तों भूख लगी पेट में अगर चूहे दौड़ रहे हो तो वहां बैठकर हम खाना भी खा सकते हैं | लेकिन दोस्तों वहां पर हम गंदगी नहीं कर सकते जो भी गंदगी होगी | उसको हम साफ करेंगे और हां अपने खाने को अच्छी तरह से रखना पड़ेगा |हमें क्योंकि वहां पर कोई भी आ जाते हैं | और कवर हमारा खाना लेकर भाग जाएगा | यह हमारी रोटी ले जाएगा|

दोस्तों मैं फिसल पट्टी पर खेलती हो ना तो मैं बताती हूं | आपको नानी पास में पड़ी एक लंबी बेंच पर बैठकर मुझे देखती रहती है| कि मैं कैसे खेल रही हूं मैं पार्क में क्या कर रही हूं | कहीं मुझे चोट ना लग जाए मेरी हर काम पर वह निगाह रखती हैं | आज मेरी नानी उस लंबी बेंच पर नहीं है पता है |दोस्तों क्यों मैं बताती हूं, क्योंकि आज मेरी नानी मेरे लिए प्यारा सा एक फोटो खींच रही है मेरा………… इसलिए मेरी नानी आज लंबी बेंच पर नहीं है ..आज मेरी नानी एक फोटोग्राफर बनी हुई है |

क्या दोस्तों तुम्हें भी पार कर जाना पसंद है अगर तुम्हें पाकर जाना पसंद है तो पार्क में अच्छी-अच्छी एक्टिविटी के बारे में मुझे बताओ कमेंट करके…………..