प्यासा कौआ
गर्मियों के दिन थे। एक दिन, एक प्यासा कौआ पानी की तलाश में इधर-उधर उड़ रहा था। बहुत देर तक उड़ने के बाद, उसे कहीं भी पानी नहीं मिला।
वह बहुत थक गया था और निराश होने लगा।तभी, उसने एक बगीचे में रखा हुआ एक मटका देखा। कौआ खुशी-खुशी मटके के पास गया और अंदर झाँककर देखा। उसमें पानी तो था, लेकिन बहुत कम था। उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुँच पा रही थी।कौआ बहुत समझदार था। उसने एक उपाय सोचा।

उसने आसपास पड़े छोटे-छोटे कंकड़ उठाने शुरू किए और उन्हें एक-एक करके मटके में डालने लगा। धीरे-धीरे पानी ऊपर आने लगा। कौआ लगातार कंकड़ डालता रहा।
कुछ ही देर में पानी इतना ऊपर आ गया कि कौआ आराम से अपनी चोंच से पानी पी सका। उसने अपनी प्यास बुझाई और खुशी-खुशी उड़ गया।
शिक्षा:समझदारी और मेहनत से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है।