छुट्टियों के दिन चल रहे थे | अचानक मां बोली चलो बच्चों हम एक साथ मिलकर सर्कस देखने जाएंगे |
“मां सर्कस क्या होता है?” ………………. नीतू ने पूछा…………………
मां ने नीतू को बताया सर्कस वह होता है |जहां पर मजे मजे के गेम खेले जाते हैं उसको सर्कस कहते हैं | अच्छा मां यह बताओ कौन-कौन खेलते हैं यह गेम नीतू ने मां से पूछा,………………………………
मां ने नीतू से कहा ,….. वहां पर कुछ लड़के होते हैं कुछ लड़कियां होती हैं कुछ पशु होते हैं कुछ पक्षी होते हैं और सर्कस में कुछ मस्त करें खरीदी होते हैं | जिनको जोकर कहते हैं | जो हमें हर बात पर हंसाते रहते हैं|
नीतू ने यह बात सुनकर मां से पूछा मां वहां पर लड़के लड़कियां क्या करते हैं मां ने बताया वह खेलते हैं | नीतू ने मां से कहा मां क्या वह लोग मेरे साथ गुड़िया खेलेंगे |…………………… माने में नीतू की बात सुनकर कहा नहीं नहीं बेटा वह लोग बहुत कठिन गेम खेलते हैं |…………………….. नीतू ने मां से कहा मां यह कठिन गेम कौन सा होता है | मां ने बताया…………………………………..
“जैसे कि एक पहिए पर साइकिल चलाना, काफी ऊंचाई से कूदना, एक झूले से दूसरे झूले पर हाथ छोड़कर को जाना और एक दूसरे को पकड़ लेना |”……………… अच्छा अच्छा हां अब समझी में हम उनके जादू जैसा गेम सिर्फ देख सकते हैं खेल नहीं सकते |
नीतू ने अपनी बात बताते हुए कहा, मां वह लोग जादू कैसे करते हैं | मां ने नीतू को बताया नीतू वह जादू नहीं होता वह लगातार एक काम को अभ्यास के रूप में करते रहते हैं जिससे कि उनकी स्पीड बढ़ जाती है और उसे वह आंख बंद कर कर लेते हैं | मां और नीतू सर्कस देखने के लिए वहां पहुंचे तो उन्होंने वहां देखा कि उनके दोस्त वहां पहले से ही मौजूद है जानते हो कौन?
गीता छुटकू भालू जोकर बनके पहले से ही सबका मनोरंजन कर रहे हैं वह जो सर्कस था वह बच्चों का ही सर्कस था| ऐसा सर्कस था जिसमें हर स्कूल के बच्चे भाग ले रहे थे नीतू को वहां दर्शकों और कलाकारों में अपने पुराने पुराने दोस्त मिले वहां जाकर उसको बहुत अच्छा लगा उसने मां का शुक्रिया कहा |