Sher Aur Billi Ki Kahani | शेर और बिल्ली की कहानी

Sher Aur Billi Ki Kahani | शेर और बिल्ली की कहानी

एक गांव में एक बिल्ली रहती थी जो बहुत चालाक और खातरनाक थी। वह अपनी शक्तियों का दिखावा करती और अन्य पशुओं को डराती रहती। वह अकेले में दिनभर भटकती रहती और छोटे-छोटे पशुओं को पकड़ती।

Sher Aur Billi Ki Kahani | शेर और बिल्ली की कहानी

एक दिन, एक शेर गांव के पास आया। वह बिल्ली को देखकर अचानक रोक गया और पूछा, “ओह बिल्ली, तुम कौन हो और यहां क्या कर रही हो?”

बिल्ली ने गर्व से उत्तर दिया, “मैं यहां राजा की रक्षा करने आई हूँ। मेरे पास असाधारण शक्ति है और मैं किसी भी पशु को हरा सकती हूँ!”

शेर ने मुस्कुराते हुए कहा, “आच्छा, तो तुम मुझसे भी शक्तिशाली हो। चलो, हम एक दिखावा करते हैं। देखते हैं कौन हारता है।”

बिल्ली और शेर ने दोनों एक बड़े मैदान में खड़े होकर आरंभ किया। लोग सभी ओर इकट्ठे हो गए और अब वे यह देखने के लिए उत्साहित थे कि इन दोनों में से कौन जीतता है।

Sher Aur Billi Ki Kahani | शेर और बिल्ली की कहानी

शुरूआत में, बिल्ली और शेर एक-दूसरे पर चढ़ पड़े और आपस में लड़ने लगे। बिल्ली ने अपने चालों का उपयोग करके शेर को बहुत चकरा दिया।

शेर थक गया और बिल्ली को रोक नहीं सका। बिल्ली ने शेर के सामने ही ठहरकर जीत का जश्न मनाया। लोग बिल्ली की हार के कारण हंसते और मजाक उड़ाते रहे।

शेर ने बिल्ली से सीख ली कि शक्ति और दम दिखाना जरूरी होता है, लेकिन इन गुणों के साथ बुद्धिमानी और चालाकी भी ज़रूरी है। उसके बाद से, बिल्ली और शेर एक-दूसरे के साथ अच्छे दोस्त बन गए और साथ में गांव के लोगों की सेवा करते रहे।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है

कि व्यक्तित्व और अच्छे गुणों के साथ चालाकी भी बहुत मायने रखती है। हमें अपनी शक्तियों को जानने और सही तरीके से उपयोग करने की ज़रूरत होती है।