तेनालीराम की कहानी: रिश्वत का खेल / Tenaliram Story Rishbat Ka Khal In Hindi

तेनालीराम की कहानी – रिश्वत का खाल

एक बार विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय के दरबार में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा था। राजा ने देखा कि उनके दरबार के कुछ कर्मचारी और मंत्री रिश्वत लेने लगे हैं। राजा इस बात से चिंतित थे, लेकिन उन्हें इसका प्रमाण चाहिए था।राजा ने इस समस्या को हल करने के लिए तेनालीराम की मदद ली। तेनालीराम अपनी चतुराई और समझदारी के लिए मशहूर थे।

तेनालीराम की योजना

तेनालीराम ने एक योजना बनाई। उन्होंने एक व्यापारी का भेष धारण किया और दरबार के एक मंत्री के पास गए। तेनालीराम ने मंत्री से कहा, “मुझे एक बड़ा काम कराना है, लेकिन इसके लिए मुझे आपकी मदद चाहिए। मैं आपको अच्छी रिश्वत दूंगा।”मंत्री ने लालच में आकर तेनालीराम से रिश्वत ले ली और वादा किया कि वह उसका काम कर देगा। तेनालीराम ने यह सब गुप्त रूप से राजा को दिखाने का इंतजाम किया।सच्चाई सामनेअगले दिन तेनालीराम ने दरबार में इस घटना का खुलासा किया। उन्होंने सबूत के तौर पर रिश्वत देने और लेने की पूरी प्रक्रिया राजा और दरबारियों के सामने रखी। राजा को यह जानकर गुस्सा आया और उन्होंने उस मंत्री को तुरंत दंड दिया।

सीख

तेनालीराम ने राजा को समझाया, “रिश्वत का खाल तभी उतारा जा सकता है जब हम उसे सार्वजनिक करें और सही कदम उठाएं।” राजा ने तेनालीराम की बुद्धिमानी की सराहना की और दरबार में सख्त नियम लागू किए ताकि भ्रष्टाचार न फैले।

निष्कर्ष:तेनालीराम की चतुराई ने न केवल दरबार को भ्रष्टाचार से बचाया बल्कि सबको ईमानदारी का महत्व भी सिखाया।