The Brahmani & The Mongoose Story In Hindi | नेवला और ब्राह्मण की पत्नी की कहानी

The Brahmani & The Mongoose Story In Hindi | नेवला और ब्राह्मण की पत्नी की कहानी

एक समय की बात है, गाँव में एक बहुत ही सुंदर और बुद्धिमान ब्राह्मण थे जिनका नाम विश्वास था। उनकी पत्नी का नाम गौरी था, जो भी बहुत ही समझदार और सजग स्त्री थी।

विश्वास और गौरी का एक होसियार बच्चा था, जिसका नाम नेताजी रखा गया था।गाँव में एक औरत थी जिसका नाम सुरमा था, जो अपने पति नेवला के साथ रहती थी। नेवला गाँव का सबसे बड़ा लापरवाही था और उसकी बीवी सुरमा भी बहुत ही खास नहीं थी।

उनके बीच में लगातार मिलते-जुलते विवाद होते रहते थे।एक दिन, गाँव में एक बड़ा मेला आया। विश्वास, गौरी और नेताजी ने भी मेला देखने का निर्णय किया। मेला में पहुंचने पर उन्होंने एक बड़ी सुंदर राजमहल देखा जिसमें एक साधु बैठा हुआ था।

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वह साधु थे स्वामी विश्वासमृत्यु, जिन्होंने जीवन के अर्थ और उद्देश्य के बारे में बहुत ही गहरा ज्ञान प्राप्त किया था।स्वामी विश्वासमृत्यु ने विश्वास को ध्यान में लगाने का सुझाव दिया और गौरी को भी शांति और संतुलन की राह में मार्गदर्शन किया।

उन्होंने नेताजी को शिक्षा दी कि जीवन का सच्चा मतलब सेवा और सामंजस्य है।विश्वास ने नेवला और सुरमा को भी मेले में मिले और उन्हें अपने साथ ले आए।

स्वामी विश्वासमृत्यु की संगत में रहकर, नेवला और सुरमा ने अपने जीवन को सकारात्मक रूप से परिवर्तित किया।वह गाँव में सामंजस्य और सेवा के क्षेत्र में योजनाएं बनाने लगे।

उन्होंने एक समृद्धि और समृद्धि का वातावरण बनाया जिससे गाँववालों को भी आत्मनिर्भरता और सामृद्धि मिली।

इस प्रकार, नेवला और सुरमा ने एक सशक्त और समर्थ गाँव की स्थापना की और उनकी पति-पत्नी की साझेदारी में गाँव ने नए ऊचाईयों को छूने का संकल्प किया।