चतुर मुर्गे की कहानी | The Cock & the Fox Story In Hindi

चतुर मुर्गे की कहानी इस प्रकार है:

एक समय की बात है, एक घने जंगल के पास एक गाँव था। गाँव के किनारे पर एक पेड़ था, जिस पर एक चतुर मुर्गा रहता था।

वह हमेशा सतर्क और चालाक रहता था।एक दिन, एक भूखा लोमड़ी जंगल से बाहर आई और उस पेड़ के नीचे आकर बैठ गई, जहाँ मुर्गा बैठा था।

लोमड़ी ने मुर्गे को देखा और सोचा, “यह तो बहुत अच्छा भोजन हो सकता है।”लोमड़ी ने मुर्गे को चालाकी से फँसाने की योजना बनाई। उसने कहा, “प्रिय मित्र, तुम्हें देखकर बहुत खुशी हुई।

मैं तुम्हें यह बताने आई हूँ कि सभी जानवरों ने एक समझौता किया है कि अब हम एक-दूसरे के मित्र होंगे और कोई भी किसी को नुकसान नहीं पहुँचाएगा। अब तुम बिना किसी डर के नीचे आ सकते हो।”मुर्गा बहुत चतुर था। उसने लोमड़ी की चाल को समझ लिया।

उसने लोमड़ी से कहा, “यह तो बहुत अच्छी खबर है। मुझे भी यह सुनकर बहुत खुशी हुई।”तभी मुर्गे ने देखा कि कुछ शिकारी कुत्ते उस दिशा में आ रहे हैं।

उसने लोमड़ी से कहा, “देखो, शायद वे शिकारी कुत्ते भी इस समझौते के बारे में सुनकर आ रहे हैं।”लोमड़ी ने जैसे ही कुत्तों का नाम सुना, वह डर गई और तुरंत वहाँ से भाग गई। मुर्गा अपनी चालाकी से बच गया और पेड़ पर सुरक्षित बैठा रहा।

इस प्रकार, चतुर मुर्गे ने अपनी सूझबूझ से लोमड़ी को मात दी और अपनी जान बचाई।

कहानी का नैतिक: सूझबूझ और सतर्कता से हम किसी भी कठिन परिस्थिति का सामना कर सकते हैं।