**मस्तिष्क पर चक्र: पंचतंत्र की एक कहानी**
बहुत समय पहले की बात है, एक अकेला शेर जंगल में रहता था जिसका नाम सिंहासन था। सिंहासन था ही नहीं, बल्कि उसके पास एक अद्वितीय गुण भी था – मस्तिष्क शक्ति।
वह हमेशा नई रहस्यमय बातें जानने के लिए अपना मस्तिष्क इस्तेमाल करता था।
एक दिन, सिंहासन ने सुना कि जंगल के एक बड़े पेड़ के नीचे एक वन्यजीव बैल आया है जिसके सिर पर चक्र है, और जो किसी की भी मनचाही जगह पहुंच सकता है। सिंहासन ने तत्परता से उस चक्र वाले बैल के पास पहुंचा और उससे मिला।
बैल ने कहा, “तुमने सुना है सिंहासन, मेरा यह चक्र मुझे किसी भी स्थान पर ले जा सकता है।” सिंहासन ने कहा, “मुझे भी तुम्हारी शक्ति की आवश्यकता है, क्या हम मिलकर एक योजना बना सकते हैं?” बैल ने सहमति दी और उन्होंने एक योजना बनाई।
वे मिलकर जंगल के सभी जानवरों को बुलाएं और सारे जंगल को साफ-सुथरा करने के लिए सहमति मांगी।
सभी ने मिलकर जंगल को साफ किया और सुंदर बनाया। सिंहासन ने भी अपने मस्तिष्क का उपयोग करके इसमें सहयोग किया।
फलस्वरूप, जंगल ने नए स्वरूप में अपनी शोभा बढ़ाई और सभी जानवर खुश रहने लगे। सिंहासन और बैल ने एक दूसरे का साथ दिया और जंगल को एक नए आयाम में ले जाने में सफलता प्राप्त की।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अगर हम मिलकर किसी भी कठिनाई का सामना करते हैं और अपनी शक्तियों का ठीक से इस्तेमाल करते हैं, तो हम सभी कुछ हासिल कर सकते हैं।