दो हिरणों की कहानी
एक समय की बात है, एक घने जंगल में दो हिरण रहते थे। उनका नाम चीकू और मीठू था। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे और हमेशा साथ रहते थे। दोनों मिलकर जंगल में घास चरते, पानी पीते और इधर-उधर घूमते थे।जंगल में एक शिकारी भी रहता था, जो हिरणों का शिकार करता था। एक दिन, चीकू और मीठू ने देखा कि शिकारी ने एक जाल बिछा रखा है।
मीठू ने चीकू से कहा, “हमें इस जाल से दूर रहना चाहिए। यह बहुत खतरनाक है।” लेकिन चीकू ने मजाक में बात को हल्के में ले लिया और जाल के पास चला गया।जैसे ही चीकू जाल के पास पहुंचा, वह उसमें फंस गया। उसने बहुत कोशिश की, लेकिन वह बाहर नहीं निकल पाया।
मीठू ने दूर से यह सब देखा और दौड़कर चीकू के पास पहुंचा।मीठू ने चीकू से कहा, “चिंता मत करो, मैं तुम्हारी मदद करूंगा।” उसने सोचा कि शिकारी जब आएगा, तो उसे कुछ चालाकी से डराकर भगाया जा सकता है।जब शिकारी जाल के पास पहुंचा, तो मीठू ने जोर-जोर से दौड़ना और उछल-कूद करना शुरू कर दिया।
उसने ऐसा दिखाया जैसे कोई बड़ा जानवर उसके पीछे आ रहा है। शिकारी डर गया और वहां से भाग खड़ा हुआ।मीठू ने तुरंत चीकू को जाल से आजाद किया। चीकू ने मीठू को धन्यवाद दिया और कहा, “मैंने तुम्हारी बात नहीं मानी, जिसके कारण मैं मुसीबत में पड़ गया।
अब से मैं हमेशा तुम्हारी बात सुनूंगा।”इस घटना के बाद, दोनों हिरण और भी अच्छे दोस्त बन गए और हमेशा एक-दूसरे की मदद करते रहे।
शिक्षा:हमें हमेशा अपने दोस्तों की सही सलाह माननी चाहिए और किसी भी खतरे को हल्के में नहीं लेना चाहिए।