The Wolf And The Seven Little Goats Story In Hindi | भेड़िया और 7 बकरी के बच्चों की कहानी |Fairy Tale In HindiHindi Animal StoriesMoral Story In HindiStory For Kids In Hindi 

दोस्तों इस पोस्ट में हम आपको भेड़िया और बकरी के बच्चों की कहानी के बारे में बताएंगे. जो एक फेयरी टेल्स है यह कहानी बकरी और उसके साथ बच्चों की है, जिन्हें खाने के लिए एक भेड़िया उनके पीछे पड़ा रहता है. वह लोग कैसे उस भेड़िए से बचते हैं. इस कहानी के बारे में पूरा विवरण नीचे दिया गया है…………….

एक जंगल के किनारे घास के मैदान में सफेद रंग की एक बकरी रहती थी उस बकरी के पास 7 बच्चे थे. उनका अपना एक छोटा सा घर था. जिसमें वह लोग आपस में बहुत प्यार से रहते थे. बकरी बच्चों के लिए खाने पीने को लेकर आती थी और वह उनको अपने साथ जंगल में लेकर जाती थी. वह लोग कभी नाचते थे गाते थे घूमते थे और अपना एक अच्छा जीवन व्यतीत कर रहे थे.

एक दिन बकरी ने देखा एक खतरनाक काला भेड़िया वहां आ गया है जिससे उसे लगा कि वह उसके बच्चों को खा जाएगा बच्चों की भलाई सोचते हुए उसने अपने बच्चों का घर से बाहर निकलना बंद करवा दिया अब वह सारे बच्चे मां के पास उनके घर में ही रहते थे. बकरी अपने बच्चों को हर समय अपनी आंखों के सामने रखती उनका बहुत अच्छे से ख्याल भी रखती थी

एक दिन खाने के लिए बकरी को बाहर जाना पड़ा, जाने से पहले बकरी ने अपने सभी बच्चों को समझा दिया अच्छी तरह से” की मेरे प्यारे बच्चों घर में ही रहना” घर से बाहर बिल्कुल भी मत निकलना. एक खतरनाक भेड़िया आस-पास ही हमारे घूम रहा है अगर कोई भी दरवाजा खटखटाया तो बिना पूछे दरवाजे को मत खोलना. यह भेड़िया काले रंग का है इसकी आवाज कर्कश है यही इसकी पहचान है यह बात कहने के बाद बकरी खाने के लिए चारा लेने वहां से चली गई और अपने बच्चों को अकेला घर में छोड़ दिया. मां की बात सुनने के बाद सातों बच्चों ने दरवाजा अच्छी तरह बंद कर लिया और मां के लौटने का इंतजार किया.

लेकिन वह भेड़िया घर के आस-पास ही था. उस भेड़िए ने बकरी को घर से निकलते हुए देख लिया था कि वह बच्चों के लिए खाना लेने घर से बाहर गई है. घर का दरवाजा बंद था उसने दरवाजा खटखटाया. एक बकरी का बच्चा दरवाजा खोलने के लिए आने लगा. तो उस के सबसे बड़े बच्चे को मां की बात याद आई और उसने अपने उसको रोक दिया. फिर उसने उससे अंदर से पूछा कौन हो?

“” मैं तुम्हारी मां हूं मेरे प्यारे बच्चों|” भेड़िए ने बच्चों के कहने पर यह उत्तर दिया

बच्चे उसकी आवाज पहचान गए और बोलिए नहीं तुम हमारी मां नहीं हो| क्योंकि हमारी मां ऐसा नहीं बोलती है हमारी मां की आवाज बहुत मीठी है और तुम्हारी अच्छी नहीं, तुम काले भेड़िए हो चले जाओ यहां से”


भेड़िया उनकी बात सुनकर वहां से चुपचाप चला गया. और वह एक जगह जाकर बैठ गया सोचने लगा कि मैं अपनी आवाज को मीठा कैसे बनाऊं. तभी उसे अचानक एक मधुमक्खियों का छत्ता नजर आया उसने सोचा मधुमक्खियों के छत्ते में शहद होता है और शहद में मिठास अगर मैं इसे खा लूं तो मेरी आवाज भी मीठी हो जाएगी. उसने झटपट आकर सारी मधुमक्खियों का छत्ता तोड़ दिया | फिर क्या था , सारी मधुमक्खियों ने उसको काट लिया लेकिन उसने किसी ना किसी तरह से उनका शहद खा लिया |

शहद खाने के बाद उस भेड़िए की आवाज मीठी हो गई वे फिर से बकरियों के घर के पास गया और दरवाजा खटखटाने लगा |
बकरियों ने अंदर से पूछा कौन हो?

भेड़िया बहुत ही मीठी आवाज में बोला, मैं तुम्हारी मां हूं प्यारे बच्चों| दरवाजा खोलो”

सबसे बड़े बकरे यह बच्चे ने दरवाजे के नीचे से झांक कर देखा, तो उसको काले पेट दिखाई पड़े, वह समझ गया यह भेड़िया है., वह बोला,” तुम हमारी मां नहीं तुम भेड़िए हो| हमारी मां के पैर सफेद हैं और तुम्हारे पैर काले भाग जाओ यहां से”

भेड़िया यह बात सुनकर वहां से चला गया इस बार वे खुद पर आटा लपेटकर आया. आटे की वजह से भेड़िए का पूरा शरीर सफेद हो गया था. फिर उसने घर का दरवाजा खटखटाया और बोला ,” मेरे प्यारे बच्चों दरवाजा खोलो| देखो तुम्हारी मां तुम्हारे लिए क्या-क्या लाई है?”

यह बात सुनकर बकरी के सबसे बड़े बच्चे ने कहा,” लगता है मां आ गई”|

” दरवाजा खोल दो|” बाकी बकरी के बच्चे बोले लेकिन सबसे छोटे बच्चे ने उन्हें रोक दिया और वह बोला भी हो सकता है. लेकिन बाकी बच्चों ने उसकी बात नहीं मानी तो वह अंदर के कमरे में जाकर छुप गया.

अब बकरी के सबसे बड़े बच्चे ने दरवाजा खोल दिया और भेड़िया अंदर आ गया भेड़िए को देखकर सब बच्चे इधर-उधर भागने लगे, लेकिन अब क्या था भेड़िए ने सबको एक-एक करके निकल लिया| और भेड़िए को यह भी याद नहीं था कि बकरी के कुल कितने बच्चे हैं इसलिए उसने बकरी के सबसे छोटे बच्चे को नहीं ढूंढा और वह उन्हें खाकर वहां से चला गया.


कुछ समय के बाद बकरी वापस घर की ओर लौटे| घर का दरवाजा खुला हुआ देख वह समझ गई वह दौड़ कर अंदर आई, तो उसे वहां अपने बच्चे दिखाई नहीं पड़े| वह उन्हें इधर-उधर ढूंढने लगी. तभी उसका सबसे छोटा बच्चा बाहर निकला और उसने मां को सारी बात बताई. बकरी को भेड़िए पर बहुत गुस्सा आया और वह अपने बच्चों का बदला लेने के लिए निकल पड़े.

जंगल में जाते हुए उसने देखा की भेड़िया बकरी के बच्चों को खाकर एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा है. उसका पेट फुला देखकर बकरी समझ गई कि इसमें बच्चों को साबुत ही निगल लिया है. उसने सोते हुए भेड़िए का पेट चीर दिया. और अपने बच्चों को सही सलामत उसके पेट से बाहर निकाल दिया| और वह अपने बच्चों को लेकर वापस अपने घर चली गई|

काफी समय के बाद जब भेड़िए की नींद खुली तो उसे प्यास लगने लगी मैं नदी की ओर जाने लगा| पत्थरों के वजन की वजह से उसका पेट भारी महसूस हो रहा था| और उसे चलने में भी बहुत कठिनाई हो रही थी फिर भी वह किसी ना किसी तरह से नदी के किनारे पहुंच गया और वहां झुक कर पानी पीने लगा| लेकिन रेवा फिसल गया और नदी में डूब गया

बकरी और उसके साथ बच्चे खुशी-खुशी रहने लगी |

सीख……..
बुरे काम का बुरा नतीजा