विक्रम और बेताल की कहानी में, “सबसे ज़्यादा प्रेम में अंधा कौन?”
नामक प्रश्न एक रोचक कथा के रूप में प्रस्तुत होता है। इस कहानी में बेताल राजा विक्रम से पूछता है कि प्रेम में सबसे अधिक अंधा कौन होता है। इसके उत्तर में, राजा विक्रम अपनी बुद्धिमानी और निष्पक्षता से इसका उत्तर देते हैं।
कहानी कुछ इस प्रकार है:
एक राजा के तीन पुत्र थे, और तीनों एक सुंदर युवती से प्रेम करते थे। तीनों ने उसे पाने के लिए अलग-अलग त्याग और प्रयास किए। जब युवती की मृत्यु हो गई, तो एक ने उसकी हड्डियां इकट्ठा कीं, दूसरे ने साधना करके उसे पुनर्जीवित किया, और तीसरा उसका अंतिम संस्कार करने को तैयार था।जब युवती जीवित हो गई, तो बेताल ने राजा विक्रम से पूछा, “बताओ, इन तीनों में से सबसे अधिक प्रेम में अंधा कौन था?”
राजा विक्रम ने उत्तर दिया:
“सबसे अधिक प्रेम में अंधा वह था जिसने युवती के शरीर को पुनर्जीवित किया, क्योंकि उसने अपने ज्ञान और शक्ति का उपयोग केवल युवती के प्रति प्रेम के कारण किया।”यह कहानी प्रेम और त्याग के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती है और यह समझाने का प्रयास करती है कि सच्चा प्रेम वह है जो व्यक्ति को पूरी तरह समर्पित और अंधा बना देता है।