विक्रम बेताल की कहानी: ज़्यादा पापी कौन?
प्राचीन समय में राजा विक्रमादित्य और बेताल की कई कहानियाँ प्रसिद्ध थीं। एक बार बेताल ने विक्रम से कहा, “राजन, मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ। तुम्हें बताना होगा कि सबसे बड़ा पापी कौन है। यदि तुम सही उत्तर नहीं दोगे, तो तुम्हारा सिर टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा।”कहानीएक नगर में एक विद्वान ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ रहता था।
उसकी पत्नी बहुत ही सुंदर थी, लेकिन उसका स्वभाव अत्यंत खराब था। वह अपनी सुंदरता का घमंड करती थी और अपने पति का अपमान करती रहती थी।एक दिन, वह महिला एक नौजवान से प्रेम करने लगी। उसने अपने पति को धोखा देकर उस युवक के साथ भागने की योजना बनाई।
जब यह बात ब्राह्मण को पता चली, तो उसने अपने धर्म का पालन करते हुए उसे माफ कर दिया और उसे रोका नहीं।भागते समय, उस युवक ने महिला की सुंदरता और धन देखकर उसे धोखा दिया और सारा धन लेकर भाग गया। महिला अकेली और असहाय हो गई।बेताल का प्रश्नबेताल ने पूछा, “राजन, बताओ इस कहानी में सबसे बड़ा पापी कौन है –
वह महिला, जो अपने पति को धोखा देकर भागी, वह युवक, जिसने महिला को धोखा दिया, या वह ब्राह्मण, जिसने अपनी पत्नी को रोकने का प्रयास नहीं किया?”विक्रम का उत्तरराजा विक्रमादित्य ने सोचा और उत्तर दिया, “इस कहानी में सबसे बड़ा पापी ब्राह्मण है। एक पति का कर्तव्य है कि वह अपनी पत्नी को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करे। यदि उसने अपनी पत्नी को रोका होता और सही शिक्षा दी होती, तो यह सब नहीं होता। महिला ने गलत किया, लेकिन उसके कर्मों के पीछे ब्राह्मण की उदासीनता भी जिम्मेदार है।”बेताल की प्रतिक्रियाबेताल ने कहा, “तुमने बिल्कुल सही उत्तर दिया, राजन।
परंतु मैं तुम्हारे उत्तर के साथ बंधा नहीं रह सकता।” इतना कहकर बेताल फिर से पेड़ पर उड़कर चला गया।
शिक्षाइस कहानी से यह सीख मिलती है कि समाज में हर व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। दूसरों की गलतियों को अनदेखा करना भी एक पाप के समान है।