लोमड़ी और अंगूरएक बार की बात है, एक भूखी लोमड़ी जंगल में भोजन की तलाश में घूम रही थी।
चलते-चलते वह एक अंगूर के बाग में पहुंच गई। बाग में लटकते हुए अंगूरों का एक गुच्छा देखकर लोमड़ी के मुंह में पानी आ गया।
उसने सोचा, “ये अंगूर कितने रसीले और मीठे होंगे। इन्हें खाकर मेरी भूख मिट जाएगी।”लोमड़ी ने अंगूर के गुच्छे तक पहुंचने के लिए ऊंची छलांग लगाई, लेकिन अंगूर बहुत ऊंचे थे।
उसने फिर से जोर लगाकर छलांग मारी, लेकिन वह अंगूरों तक नहीं पहुंच सकी।
बार-बार कोशिश करने के बाद भी लोमड़ी अंगूरों को पाने में असमर्थ रही।आखिरकार थककर लोमड़ी ने हार मान ली और बड़बड़ाते हुए बोली, “ये अंगूर तो खट्टे हैं।
इन्हें खाकर मुझे क्या फायदा?” ऐसा कहकर वह वहां से चली गई।
कहानी से शिक्षा:
हम अक्सर वही चीजें बुरी कह देते हैं, जिन्हें हम हासिल नहीं कर पाते। हमें मेहनत और धैर्य से अपने लक्ष्य को पाने की कोशिश करनी चाहिए।