विक्रम बेताल की कहानी:
सबसे अधिक सुकुमार कौन?प्राचीन समय की बात है। राजा विक्रमादित्य अपनी वीरता और न्यायप्रियता के लिए प्रसिद्ध थे। एक दिन उन्होंने बेताल को पकड़ने का निश्चय किया। बेताल एक पेड़ पर लटका रहता था, और हर बार राजा उसे पकड़ते, वह एक कहानी सुनाने लगता और अंत में राजा से सवाल पूछता। अगर राजा ने सवाल का सही उत्तर दिया, तो बेताल उड़कर वापस पेड़ पर चला जाता।इस बार बेताल ने विक्रम को यह कहानी सुनाई:एक बार तीन मित्र थे। तीनों ने अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल की थी।
पहला मित्र कला में निपुण था, दूसरा आयुर्वेद और औषधि में विशेषज्ञ था, और तीसरा खगोलशास्त्र में पारंगत था।तीनों मित्र एक बार जंगल की यात्रा पर निकले। जंगल में उन्होंने एक कंकाल देखा।पहले मित्र ने अपनी कला का प्रयोग कर कंकाल को मांस और त्वचा से ढक दिया।
दूसरे मित्र ने अपनी औषधि का उपयोग कर उसमें प्राण डाल दिए।तीसरे मित्र ने अपनी विद्या का उपयोग कर यह जान लिया कि वह अब जीवित हो गया है।लेकिन वह जीव, जिसे उन्होंने जीवित किया, एक खूंखार शेर बन गया। शेर ने तीनों पर हमला कर दिया और उन्हें मार डाला।अब बेताल ने राजा विक्रमादित्य से पूछा, “इन तीनों में से सबसे अधिक सुकुमार (बुद्धिमान और विवेकशील) कौन था?”
राजा विक्रमादित्य ने उत्तर दिया:”तीनों में से कोई भी सुकुमार नहीं था। यदि वे विवेकशील होते, तो इस बात पर विचार करते कि मृत जीव को जीवित करना खतरनाक हो सकता है।
असली सुकुमार वह होता है जो अपने ज्ञान का उपयोग सही समय और सही तरीके से करे।”राजा का उत्तर सुनकर बेताल हंसा और उड़कर फिर से पेड़ पर चला गया।