Apple Poem || एप्पल पोयम

स्वाद में खट्टा मीठा आम
बात है इसमें कोई खास
हर कोई देख इसे ललचाए
बिना खाए फिर रह ना पाए
गर्मी के मौसम में आता
फलों का राजा कहलाता |

आम के पेड़ों पर देखो,
लटक रहे हैं कच्चे आम,
झूम रहे हैं संग हवा में,
टहनी के दामन को थाम |

अभी हरे हैं पक्के नहीं हैं,
अंदर से हैं बहुत कठोर,
तोते कोयल इन्हें कुतरने ,
लगा रहे हैं पूरा जोर |

गर्मी का मौसम है आया
मीठे मीठे आम संग लाया,
बच्चे बूढ़े जवान सबके मन को भाता है,
खाने को जिसको मिल जाता वह खुश हो जाता है,

प के रसीले आम देखकर मन ललचाया,
पेड़ से तोड़कर ढेर सारा आम लाया,
घर में सबको 2 -2 बाटकर,
बाकी आप अकेले खाया |

आम फलों का राजा कहलाता है,
मीठा आम सबको खूब भाता है,
इसे देख बच्चों का मन ललचाए,
आम मिलने पर इसको जमकर खाए,

पीला पीला बड़ा रसीला होता है आम,
बच्चे खाते हैं इसको सुबह और शाम,
फलों का राजा होता है आम,
इसको खाने के चक्कर में लोग छोड़ देते हैं अपना काम |

हिना जवी
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आज से आम
फलों का राजा भी है
कभी व्यापक कभी साधारण
कभी कच्चे होने का उदाहरण भी है

हम अक्सर सुनते हैं
यह बात आम हैं
यह आम आदमी हैं
सरेआम कह दो
यह लोग आम हैं
हर जगह इनका
इसके स्वाद के जैसा रूप है
कभी खट्टा कभी मीठा
हां, यह फलों का राजा आम है

चटक पीला रंग
महकती इसकी सुगंध
तोता ,लंगड़ा, दशहरी, चौसा
यह सब है इसकी नस्ल
मनके सबको भाता है
क्योंकि आम
फलों का राजा कहलाता है|