चिड़ियाघर / Chadiya Ghar

चिड़ियाघर / Chadiya Ghar

चिड़ियाघर

चिड़ियाघर की सैर निराली,
जहाँ बसती है दुनिया खुशहाली।
हर कोने में नई कहानी,
जीवन की अद्भुत निशानी।

शेर की दहाड़, हाथी की चाल,
तोते की बोली, मयूर का नृत्य कमाल।
पिंजरे में बँधे पंखों के सपने,
आज़ादी के ख्वाब हर दिल में अपने।

नन्हे-मुन्नों की आँखों का जादू,
देखते पशु-पक्षियों का हर पहलू।
कभी डर, कभी हँसी का आलम,
चिड़ियाघर बनता है यादों का संगम।

पर सोचें ज़रा, कैसा है ये हाल?
बंदी हैं जीव, कैसा है ये सवाल।
क्या जंगल के राजा का ये घर है?
या उनकी आज़ादी पर लगा कोई पहरा है?

चिड़ियाघर, तुम सोचने को मजबूर करते,
हम इंसानों को सवालों में भरते।
क्या संरक्षण ही है तुम्हारा मकसद,
या प्रकृति के हक को हम ही हरते?

जिंदगी की इस पुस्तक को पढ़ें,
प्रकृति की सीख को दिल से गढ़ें।
चिड़ियाघर से सबक जो सीखा जाए,
हर जीव को उसका हक दिलाया जाए।